10 world famous yoga gurus in Hindi | भारत के प्रसिद्ध योगा गुरू
1-महर्षि पतंजलि(Maharishi Patanjali)
महर्षि पतंजलि को फादर ऑफ योगा के नाम से भी जाना जाता है। महर्षि पतंजलि ने योग के 195 सूत्रों को प्रतिपादित किया, जो योग दर्शन के स्तंभ माने गए। इन सूत्रों के पाठन को भाष्य कहा जाता है। महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग की महिमा को बताया, जो स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण माना गया है।
श्री अरविंदो (Sri Aurobindo)
कलकत्ता में 15 अगस्त 1872 को जन्मे श्री अरविंदो के जीवन का उद्देश्य धरती पर दिव्य प्रेम का राज्य स्थापित करना है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों को भी जाना और उनसे अभिभूत हुए। किंतु उनकी साधना की दिशा मनुष्य चेतना पर केन्द्रित थी, वे मानव चेतना को शारीरिक, मानसिक, स्नायविक से होते हुए चैत्य की श्रेणी तक ले जाना चाहते थे। उन्होंने अपनी आध्यात्मिक सहयोगी श्री मां की तपस्या से पांडिचेरी में श्री अरविंद आश्रम की स्थापना की। इसमें 2000 व्यक्ति नियमित रूप से विगत 80 वर्ष से साधना करते आ रहे हैं। अरविंद ने कई किताबे लिखीं। श्री अरविंदो पूर्ण योग के प्रणेता थे, जिसका अर्थ है जो भी काम किया जाए उसमें पूर्ण कौशल तथा पारंगतता प्राप्त करना ही पूर्ण योग है। इससे श्रीकृष्ण जैसे योगी के ‘योग: कर्म सु कोशलम’ वाले आदर्श की याद भी आती है। 5 दिसंबर 1950 को श्री अरबिंदो इस संसार को छोड़ कर चले गए।
2. तिरुमलाई कृष्णमचार्य (Tirumalai krishnamacharya)
तिरुमलाई कृष्णमचार्य को ‘आधुनिक योग का पितामह’ के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें आयुर्वेद और योग दोनों का ज्ञान था। मैसूर के महराजा के राज में कृष्णमचार्य ने योग को बढ़ावा देने के लिए पूरे भारत का भ्रमण किया। उन्हें अपनी सांसो की गति पर नियंत्रण रखना भी आता है। वह अपनी धड़कनों पर काबू कर सकते थे।इसके साथ ही उन्हें हठ योग के पुनरुत्थान का श्रेय भी दिया जाता है. वह मुख्य रुप से हीलर और आयुर्वेद और योग के अपने ज्ञान को मिला कर स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए जाना जाता है.
3. के. पट्टाभी जोईस ( Pattabhi jois)
के. पट्टाभी जोईस अपने आष्टांग विन्यास योग के रूप में लोकप्रिय हैं, जोकि कोरूंता नाम के प्राचीन योग पर आधारित है। कई हॉलीवुड के कलाकार भी जोइस के आष्टांग योग के फैन हैं। मैडोना, स्टिंग और ग्वेनेथ पैल्ट्रो जैसे कई हॉलीवुड अभिनेता इनके शिष्य थे।
4. स्वामी शिवानंद (Swami Shivananda)
स्वामी शिवानंद सरस्वत हिंदू आध्यात्म गुरू के साथ-साध योग और वेदांत के समर्थक भी थे। इनका मानना था कि एक योगी को अपने योग में सबसे उपर हास्य को रखना चाहिए। उन्होंने एक गाना भी बनाया था जिसमें 18 गुणों की चर्चा की गई थी। उन्होंने योग और वेदांत पर लगभग 200 पुस्तकें लिखी थी । उन्होंने दुनिया को त्रिमूर्ति योग से परिचित कराया जिसमें हठ योग, कर्म योग और मास्टर योग का मिश्रण है।
5. बीकेएस अयंगर – (Bks iyengar)
बीकेएस अयंगर कृष्णामचार्य के थे। इन्होंने योग को विदेशों में फैलाया। उन्हे पतंजलि के योग और आयंगर योग के लिए भी जाना जाता है। वह दुनिया के सबसे मशहूर और महत्वपूर्ण योग शिक्षकों में से एक थे. उनकी 20 अगस्त 2014 को 95 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया। लेकिन इस उम्र में भी वो आधे घंटे तक सर के बल खड़े रह सकेते थे।
6. महर्षि महेश योगी (Mahrishi Mahesh yogi)
महर्षि महेश योगी ट्रांसैडेंटल मेडिटेशन तकनीक को आगे बढ़ाया है। इसके अतंर्गत आँख बंद कर के मंत्र पढ़ते हुए ध्यान किया जाता है। ट्रांसैडैंटल मेडिटेशन ऐसा ध्यान है जिसमें ध्यान करने वाला व्यक्ति दुनिया से परे हो जाता है। महर्षि महेश योगी ने शंकराचार्य की मौजूदगी में रामेश्वरम में 10 हजार बाल ब्रह्मचारियों को आध्यात्मिक योग और साधना की दीक्षा दी थी।
7. परमहंस योगानंद (Parmhans Yogananda)
परमहंस योगानंद क्रिया योग के प्रवर्तक हैं। उन्होंने पश्चिम के लोगों को क्रिया योग से अवगत कराया। क्रिया योग में क्रिया के माध्यम से योगी अपना सारा जोर क्रियाओं को एकजुट करने पर बल देता है।
8.जग्गी वासुदेव(Jaggi vasudev)
जग्गी वासुदेव को सद्गुरु के नाम से भी जाना जाता है। वासुदेव कर्नाटक के रहने वाले है जो बहुत बड़े दानी और योगी पुरूष हैं। वे इशा फांउंडेशन के संस्थापक है जिसके माध्यम से वह पूरी दुनिया को योग सिखाते हैं। इन्होंने 1996 में भारतीय हॉकी टीम को भी योग अभ्यास कराया था। इसके साथ ही वह उम्रकैद की सज़ा काट रहे कैदियों को भी कार्यक्रम आयोजित कर योग सिखाते हैं।
9.श्री श्री रविशंकर (Shri shri Ravishankar)
ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर योग के क्षेत्र में अपनी ‘सुदर्शन क्रिया’ से प्रचलित हैं। इस के अंतर्गत सांस को कैसे और किस प्रक्रिया में शरीर के भीतर लें और उसे बाहर छोड़े। उनका कहना है कि सुदर्शन क्रिया का ख्याल उन्हे वर्ष 1982 के दौराना आया था और इसे उन्होंने कर्नाटक में भद्र नदी के किनारे 10 दिनों के मौन के बाद उन्होने इसे सीखा और बाद में लोगों को सिखाना स्टार्ट किया।
10.बाबा रामदेव (Baba Ramdev)
आज अगर योग को दुनिया इतने वृहद स्तर पर जानती है तो उसका अधिकतम श्रेय बाबा रामदेव को ही जाता है। अपने कपालभाती और अनुलोम विलोम व्यायाम ने बाबा रामदेव को और भी पहचान दिलाई। उन्होंने योगा को नई पहचान दिलाने और प्रत्येक व्यक्ति तक योग पहुंचाने में बड़ा किरदार अदा किया है। इसके साथ ही उन्होने लोगों को यह विश्वास दिलाया कि योग केवल योगियों के लिए है नहीं बल्कि आम लोगों के लिए भी है।