प्राणायाम कैसे लाभ प्रदान करता है? प्राणायाम कैसे लाभ प्रदान करता है?अब हम प्राणायाम करने का कारण समझ सकेंगें। यदि श्वास-प्रवाश की गति लयबद्ध या नियमित की जाय, तो शरीर के सारे परमाणु एक ही दिशा में गतिशील होने का प्रयत्न करेंगें। जब विभिन्न दिशाओं में दौड़नेवाला मन एकमुखी होकर एक दृढ़-शक्ति के रूप में परिणत होता है,तब सारे स्नायुप्रवाह भी परिवर्तित होकर एक प्रकार की विद्युत-प्रवाह जैसी गति प्राप्त करते हैं, क्योंकि स्नायुओं पर विद्युत-क्रिया करने पर देखा गया है कि उनके दोनों प्रांतों में घनात्मक और ऋणात्मक, इन विपरीत शक्तिद्वय का उद्धभव होता है। इसी से यह स्पष्ट है कि *जब इच्छाशक्ति का एक स्नायुप्रवाह के प्रवाह के रूप में परिणत होती है,तब वह एक प्रकार के विद्युत का आकार धारण कर लेती है। जब शरीर की सारी गतियाँ संपूर्ण रूप से एकाभिमुखी होती है,तब वह शरीर मानों इच्छाशक्ति का एक प्रबल विद्युदाधार बन जाता है।यह प्रबल इच्छाशक्ति प्राप्त करना ही योगी का उद्देश्य है।