कुरुक्षेत्र के युद्ध में कौरवों की हार हुई थी और पांडवों की जीत| चूंकि भगवान कृष्ण की वजह से ही पांडवों की जीत मुमकिन हो पाई थी, इसीलिए युधिष्ठिर के राजतिलक समारोह में कृष्ण भी उपस्थित थे, और इस दौरान उन्होंने राज्य की खुशहाली, सुख-समृद्धि, के लिए कुछ विशेष बातें युधिष्ठिर को बताई थी, ये बातें वास्तु शास्त्र से जुड़ी थी और आज भी प्रासंगिक मानी जाती हैं| कहा जाता है कि इन बातों को अगर आज भी अमल में लाया जाए तो शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है| आखिर क्या हैं वो उपाय जो द्वापर युग से कलयुग में भी कारगर हैं| भगवान कृष्ण ने युधिषठिर को उन पांच चीज़ों के बारे में बताया था जो घर को सुखी और खुशहाल बनाती हैं| जिनसे घर में सदैव सकारात्मकता का वास रहता है| पहली चीज़ है जल यानि कि पानी| राजतिलक के दौरान भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा था कि घर और राज्य में पीने की पानी की सदैव उचित व्यवस्था होनी चाहिए| पानी की जो भी व्यवस्था हो उत्तर-पूर्व दिशा में ही होनी चाहिए| वहीं घर में आए हुए हर प्यासे को पानी पिलाने पुण्य माना गया है| घर में चंदन का होना भी बेहद शुभ माना गया है| चंदन को आप लकड़ी, माला या अगरबत्ती के रूप में घर में रख सकते हैं| भगवान श्रीकृष्ण ने चंदन का महत्व युधिष्ठिर को समझाते हुए कहा था कि हजारों सांपों के लिपटने के बाद भी चंदन पवित्र ही रहता है और इससे चंदन की सुगंध में कभी कमी नहीं होगी| इसके साथ ही चंदन नकारात्मक प्रभाव को भी दूर करता है| गाय के घी को सबसे पवित्र माना गया है| अगर घर में गाय का घी इस्तेमाल में लाया जाए तो अति शुभ माना जाता है| खासतौर से भगवान के मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए| शहद का भी घर में होना बहुत शुभ माना गया है| क्योंकि शहद आत्मा को शुद्ध करता है| व इससे वातावरण की शुद्धि भी होती है| भगवान कृष्ण ने पूजा पाठ में भी शहद का इस्तेमाल काफी शुभ बताया गया है| मां सरस्वती के पूजन की महत्ता भी कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताई थी| उन्होंने कहा है कि जिस तरह मां सरस्वती कीचड़ से निकले कमल पर विराजमान होती हैं| इसी तरह मां सरस्वती का पूजन भी व्यक्ति को निर्धनता से दूर रखता है| वह मनुष्य की बुद्धि को शुद्ध रखता है| यही कारण है कि घर में मां सरस्वती की तस्वीर या पारद की मूर्ति ज़रुर रखें|