देश में ही बनेगी दवाएं, 56 प्रमुख दवाओं पर चीन की निर्भरता घटेगी..
स्टोरी हाइलाइट्स
इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई प्रोडक्ट्स में भारत-चीन पर निर्भर है| लेकिन दवाओं में भी भारत चीन पर निर्भर है|भारत सरकार ने ऐसी 56 दवाओं ......देश में ही बनेगी दवाएं
देश में ही बनेगी दवाएं, 56 प्रमुख दवाओं पर चीन की निर्भरता घटेगी..
इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई प्रोडक्ट्स में भारत-चीन पर निर्भर है| लेकिन दवाओं में भी भारत चीन पर निर्भर है| भारत सरकार ने ऐसी 56 दवाओं की लिस्ट प्रिपेयर की है जो आने वाले समय में देश में ही बनाई जाएंगी| भारत की वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद सीएसआईआर देश को दवाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदम उठाने में जुट गई है|
सीएसआईआर वो केमिकल्स बनाएगी जो दवाओं के मुख्य इनग्रेडिएंट्स होते हैं| कोयला और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ मिलकर सीएसआईआर ने वो केमिकल्स बनाने शुरू कर दिए हैं जो गई दवाओं में मिलाए जाते हैं| दरअसल भारत एपीआईएस(Active Pharmaceutical Ingredient) के लिए चीन पर निर्भर है| भारत के औषधि डिपार्टमेंट ने 56 एपीआईएस(Active Pharmaceutical Ingredient) की एक लिस्ट बनाई है ताकि यह दवाएं भारत में ही निर्मित की जा सके|
भले ही भारत में कुछ दवाएं बनाई जाती हों लेकिन उनके लिए एपीआईएस(Active Pharmaceutical Ingredient) बाहर से मंगाना पड़ता है| एंटीबायोटिक एंड एचआईवी और अन्य महत्वपूर्ण दबाए जैसे पेरासिटामोल के लिए भी हमें दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ता है| भारत सरकार ऐसे उत्पादों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन नीति पर भी काम कर रही है|
पेट्रोलियम और कोयला उद्योग का इस मामले में महत्व बढ़ जाता है दरअसल कार्बन कंपाउंड्स दवा निर्माण का बेस होते हैं| सरकार की कोशिश है कि इन 56 एपीआईएस(Active Pharmaceutical Ingredient) का शुरू से आखिर तक प्रोडक्शन किया जाए| दोनों मंत्रालय कार्बन कंपाउंड और शीशे के प्रोडक्शन से जुड़े हुए हैं| इनमें ऐसे कंपाउंड्स होते हैं जिन्हें शुद्ध करके इस्तेमाल किया जा सकता है|
भारत सरकार को उम्मीद है कि अगले दो-तीन सालों में 10 से 12 एपीआईएस(Active Pharmaceutical Ingredient) भारत में निर्मित होने लगेंगे | पहले चरण में भारत सरकार 30 सामग्रियों पर जोर दे रही है| आपको बता दें कि इंडिया करीब 66% एपीआईएस(Active Pharmaceutical Ingredient) चीन से इंपोर्ट करता है| दवाओं के लिए कच्चे माल के लिए हम चीन पर इतने निर्भर हैं कि हम एकदम से चीन से आयात बंद नहीं कर सकते| भारत और चीन के बीच चले गतिरोध ने भारत को इस मामले में त्वरित कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है| भारत यह सामग्री अन्य देशों से भी आयात करता है|
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