पतंजलि- आयुष मंत्री श्रीपद नाइक बोले-जांच के बाद मिलेगी कोरोनिल दवा की अनुमति
योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को दावा किया कि उसने कोरोना वायरस के इलाज के लिए दवा को तैयार कर लिया है।
इसके बाद से दवा को लेकर लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है। लेकिन आयुष मंत्रालय ने साफ कर दिया कि पतंजलि आयुर्वेद को पहले इस दवा के परीक्षण व अन्य जानकारियों को उसके साथ साझा करना होगा।
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि नियम के मुताबिक पहले आयुष मंत्रालय में दवा को जांच के लिए भेजना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने एक रिपोर्ट भेजी है। हम इसे पहले देखेंगे और इसके बाद ही कोरोनिल दवा के इस्तेमाल को अनुमति देंगे।
कोरोनिल और श्वसारि नाम की दवा लॉन्च करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा था कि इनसे सिर्फ 7 दिन में मरीज 100% ठीक हो जाएंगे। सरकार ने दवा की लॉन्चिंग के पांच घंटे बाद विज्ञापन पर रोक लगा दी थी।
सरकार ने कहा कि दवा की वैज्ञानिक जांच नहीं हुई है। आयुष मंत्रालय ने दवा के लाइसेंस सहित दवा में इस्तेमाल सामग्री, दवा पर रिसर्च की जगहों, अस्पतालों, प्रोटोकॉल, सैंपल का आकार, इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी क्लीयरेंस, क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्रेशन और ट्रायल के परिणाम का डेटा मांगा। पतंजलि ने मंगलवार देर शाम आयुष मंत्रालय को 11 पन्ने का जवाब भेज दिया।
पूरा ट्रायल किया- बाबा रामदेव
रामदेव ने बताया था कि कोरोनिल और श्वसारि ने कोरोना ट्रायल में 100% सही नतीजे दिए। पतंजलि रिसर्च सेंटर और जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने सभी प्रॉटोकॉल का पालन करते हुए क्लीनिकल ट्रायल किया।
ट्रायल में 3 दिन में 69% मरीज ठीक हुए, जबकि 7 दिन में 100% ठीक ह गए। आईसीएमआर से मंजूरी का सवाल टाल दिया। रामदेव ने कहा था कि गंभीर मरीज ट्रायल में शामिल नहीं थे। उन पर अगले चरण में परीक्षण किया जाएगा।