Vaccination:- प्रेग्नेंट और दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए यह है सरकार की गाइडलाइंस


स्टोरी हाइलाइट्स

देश में कोरोना की दूसरी लहर के घातक परिणाम के साथ देश भर इसके खिलाफ टीकारण अभियान भी चालू है. 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में अब तक करीब 20 करोड़ से ज्यादा टिके लग चुके है.

Vaccination:- प्रेग्नेंट और दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए यह है सरकार की गाइडलाइंस देश में कोरोना की दूसरी लहर के घातक परिणाम के साथ देश भर इसके खिलाफ टीकाकरण अभियान भी चालू है. 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में अब तक करीब 20 करोड़ से ज्यादा टीके लग चुके है. टीके की कमी के बीच केंद्र और राज्य सरकारें लोगों को टीका लगवाने के लिए उन्हें जागरुक करने के प्रयास कर रही हैं. देश में आने वाले समय में कई अनेक कंपनियों के टीके भी आने वाले हैं.     टीकाकरण अभियान के बीच कई बार नियम भी बदल चुके हैं, इससे लोगों में कंफ्यूजन भी बढ़ गई है. सबसे ज्यादा कंफ्यूजन स्तनपान कराने वाली महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को लेकर है. अगर कोई  महिला अपने शिशु को स्तनपान करवा रही है तो क्या वो वैक्सीन लगवा सकती है या फिर वह प्रेग्नेंट है तो वो टीका लगवा सकती है.   इसके साथ तुरंत बच्चा डिलीवरी होने के बाद वैक्सीन को लेकर नियमों को लेकर भी कई तरह के कफ्यूजन है. आइये जानते है इससे जुड़े नियम क्या हैं.   केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्तनपान कराने वालों महिलाओं के टीकाकरण की इजाजत दे दी है. इस बारे में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को भी सूचित कर दिया गया है.   नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने इस पर बात को लेकर कहा है कि ‘इस तरह की खबरें थीं कि टीका लगवाने वाली महिलाओं को कुछ दिनों के लिए अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कराना चाहिए लेकिन मैं स्पष्ट बताना चाहता हूं कि स्तनपान नहीं रोकना चाहिए और इसे जारी रखना चाहिए.किसी भी हालत में एक घंटे के लिए भी स्तनपान नहीं रोका जाना चाहिए. वहीं अभी गर्भवती महिलाओं को लेकर टीकाकरण की इजाजत नहीं है लेकिन एक्सपर्ट पैनेल ने कहा है कि प्रसव के बाद टीकाकरण में देरी करने का कोई कारण नहीं है.   जानें टीकाकरण से जुड़े अन्य नियम बीमारी से ठीक होने के बाद तीन महीने तक के लिये कोविड—19 रोधी टीकाकरण टाला जा सकता है. जिन्हें  मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज अथवा कनवेलसेंट प्लाज्मा दिया गया हो, उन्हें अस्पताल से छुट्टी दिये जाने के तीन महीने तक टीकाकरण टाल दिया जाना चाहिये. व्यक्तिगत मामलों में, जिन लोगों को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है और वह दूसरी खुराक लेने से पहले कोविड संक्रमित हो जाते हैं तो क्लिनिकली संक्रमण मुक्त होने के तीन महीने तक दूसरी खुराक टाल देनी चाहिये.