10वीं-12वीं प्री-बोर्ड पेपर लीक, छात्रों को सोशल मीडिया पर मिले सारे पेपर, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने उठाए सवाल


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स्टोरी हाइलाइट्स

MP Board Paper Leak: माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10 और 12 के सभी प्री-बोर्ड पेपर परीक्षा से कुछ घंटे पहले टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लीक..!!

MP Board Paper Leak: माध्यमिक शिक्षा मंडल की प्री-बोर्ड परीक्षा से पहले ही सभी प्रश्नपत्र विद्यार्थियों के हाथों में पहुंच गए। कक्षा 10वीं और 12वीं के सभी पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गए। इस घटना ने परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे छात्रों की मेहनत और परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता दोनों प्रभावित हो रही है। इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर कई फर्जी अकाउंट से क्वेश्चन पेपर और सॉल्वड पेपर शेयर किए जा रहे हैं।

अब इसे लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। 

अपने X पर पोस्ट शेयर करते हुए सिंघार ने लिखा है, कि 

ये है पूर्व के शिक्षा मंत्री और वर्तमान के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी के क्षेत्र उज्जैन का मामला। जहां प्री-बोर्ड के पेपर भी परीक्षा से पहले इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर पहुंच जाते हैं। कुछ सरकारी स्कूलों में पहुंचकर मीडिया ने जांच में पाया कि 11 बजे बच्चों को दिया गया पेपर, लीक हुए पेपर से मेल खा रहा था। वाह मोहन यादव जी ! शिक्षा में क्रांति लाने का दावा करने वाली आपकी सरकार अब पेपर लीक में 'महारथ' हासिल कर रही है जिसमें आपका खुद का शहर उज्जैन भी अछूता नहीं रहा। पेपर लीक करना ही अगर नई नीति है, तो ये सरकार बच्चों के भविष्य को मजाक बना रही है।

वहीं इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने पत्रिका को बताया कि प्री-बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक जैसी घटनाएं आमतौर पर नहीं होती हैं, क्योंकि ये परीक्षाएं स्कूल स्तर पर आयोजित की जाती हैं। 

परीक्षाओं का मुख्य उद्देश्य छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं के लिए तैयार करना है। प्री-बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र स्कूल के शिक्षकों द्वारा स्वयं तैयार किए जाते हैं। इसे एक सीमित सीमा के भीतर नियंत्रित किया जाता है।

इसमें छात्रों को परीक्षण करने और अपने प्रदर्शन को सुधारने का अवसर दिया जाता है। यदि कभी ऐसी घटनाओं की अफवाहें सुनाई देती हैं, तो वे ज्यादातर गलतफहमियों या अपुष्ट सूचनाओं पर आधारित होती हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को अनावश्यक रूप से चिंतित करना हो सकता है। छात्रों को ऐसी बातों पर ध्यान न देकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। ईमानदारी से तैयारी करने और समय का बुद्धिमानी से उपयोग करने से ही सफलता मिलेगी।

शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यह प्रदेश भर के हर प्रिंसिपल की लॉगइन आईडी पर खुलता है। यह पेपर चर्चा पोर्टल पर उनकी आईडी पर भेजा जाता है, फिर प्रिंसिपल इसका प्रिंटआउट लेकर उन्हें फोटोकॉपी के लिए देते हैं। यह संभव है कि पेपर उस दुकान से लीक हो जाए जहां उसे फोटोकॉपी के लिए ले जाया जाएगा। हालांकि, यह अलग बात यह है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्री-बोर्ड में पेपर लीक हुआ था या नहीं। प्री-बोर्ड का मतलब ही मात्र अभ्यास कराना होता है।

छात्रों के लिए प्री-बोर्ड परीक्षा लेने का उद्देश्य उन्हें परीक्षा के लिए अभ्यास कराना है। यदि पेपर लीक होने के बाद परीक्षा आयोजित की जा रही है तो पास या फेल करने का कोई प्रावधान नहीं है।

आपको बता दें, कि कक्षा 10वीं और 12वीं के सभी प्री-बोर्ड पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गए। कुछ पत्र दो दिन पहले आ गए और कुछ एक दिन पहले। सभी पेपर सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यूट्यूब पर वायरल हो गए। परीक्षा देकर बाहर आए छात्र ने कहा- यह पेपर पहले ही टेलीग्राम-इंस्टाग्राम पर आ चुका था।

जब पेपर लीक मामले की जांच की गई तो पता चला कि यह सोशल मीडिया अकाउंट इन आधिकारिक नामों से हैं। पेपर मुन्ना भाई वाईटी, एमपी बोर्ड ऑफिशियल, एसडीएलक्लासेस, एमपी बोर्ड सेकेंडरीहायरएजुकेशन समेत कई अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया गया था। कुछ साइटों पर मूल प्रश्नपत्रों के साथ हल किये गए प्रश्नपत्र भी उपलब्ध थे।