221 ग्राम सभाओं ने दी तेंदूपत्ता संग्रहण एवं व्यापार की सहमति


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स्टोरी हाइलाइट्स

पेसा नियम के तहत हर साल 15 दिसम्बर तक जनजाति बहुल ग्राम सभाओं से तेंदूपत्ता संग्रहण स्वयं से करने की सहमति ली जाती है..!!

भोपाल: प्रदेश की 221 ग्राम सभाओं ने पेसा नियम के तहत वर्ष 2025 में स्वयं से तेंदूपत्ता संग्रहण एवं व्यापार करने की सहमति प्रदान की है तथा ये ग्राम सभायें 17 जिलों की 24 जिला यूनियनों और 85 प्राथमिक सहकारी समितियों के क्षेत्र में आती हैं। ये ग्राम करीब 26 हजार 471 मानक बोरा का संग्रहण करेंगे।

उल्लेखनीय है कि पेसा नियम के तहत हर साल 15 दिसम्बर तक जनजाति बहुल ग्राम सभाओं से तेंदूपत्ता संग्रहण स्वयं से करने की सहमति ली जाती है। इस बार 221 ग्राम सभाओं ने सहमति प्रदान की है। वर्ष 2024 में 243 ग्राम सभाओं ने सहमति देकर 22 हजार 200 मानक बोरा तेंदूपत्ता तथा वर्ष 2023 में 268 ग्राम सभाओं ने सहमति देकर 13 हजार 363 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया था। हालांकि सहमति देने वाली ग्राम सभाओं की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है लेकिन संग्रहित किये जाने वाले तेंदूपत्ता की मात्रा बढ़ती जा रही है। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पेसा नियम के तहत कुल 11 हजार 596 ग्राम सभायें आती हैं जो 20 जिलों में स्थित हैं। जो ग्राम सभा सहमति नहीं देती हैं, वहां तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य एमपी लघु वनोपज संघ करता है और उसका विक्रय भी वही करता है। बदले में वह संग्रहणकर्त्ता ग्राम वासियों को तेंदूपत्ता तोड़ने की पारिश्रमिक राशि का एवं बोनस का भी भुगतान करता है। स्वयं से संग्रहण एवं विपणन की सहमति देने वाली ग्राम सभाओं में पारिश्रमिक एवं बोनस की राशि संघ द्वारा नहीं दी जाती है।