प्रदेश में बनेंगे 313 वृन्दावन ग्राम


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स्टोरी हाइलाइट्स

योजना में कई कम्पनियां अपनी कारपोरेट जिम्मेदारी यानि सीएसआर के तहत पशु संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगी..!!

भोपाल: राज्य की मोहन यादव सरकार प्रदेश के 313 विकासखण्डों में एक-एक वृन्दावन ग्राम बनायेगी। इसका उद्देश्य ग्राम को विभिन्न रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना, गौवंश एवं गौ उत्पादों के महत्व को बढ़ावा देना है तथा इस योजना में कई कम्पनियां अपनी कारपोरेट जिम्मेदारी यानि सीएसआर के तहत पशु संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगी। इसके लिये सभी कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

प्रत्येक विकासखण्ड में वृन्दवान ग्राम का चयन संबंधित कलेक्टर प्रभारी जिला मंत्री के परामर्श से करेंगे। योजना के सतत पर्यवेक्षण के लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनेगी जिसमें जिला पंचायत के सीईओ सदस्य सचिव होंगे जबकि पशुपालन एवं डेयरी विभाग, वन विभाग, ऊर्जा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य होंगे।

जिस ग्राम की न्यूनतम जनसंख्या 2 हजार एवं उसमें गौवंश की न्यूनतम संख्या 500 होगी, उसका इस योजना में चयन किया जायेगा। ऐसे चयनित ग्राम में जल की आपूर्ति पर्याप्त होना, भूसा-चारा पर्याप्त होना और बड़े शहर के नजदीक होना आवश्यक होगा। ऐसे ग्राम की सडक़ एवं परिवहन सुविधायें भी अच्छा होना जरुरी होगा।

वृन्दावन ग्राम में पारम्परिक कृषि में सुधार किया जायेगा तथा गायों की खाद, गौमूत्र, खेतों की उर्वरता बढ़ाने के लिये एक बेहतरीन जैविक उर्वरक हैं। इसके उपयोग से मिट्टी के पोषक तत्वों की कमी दूर होगी और उपज में भी वृध्दि होगी। यह रसायनिक उर्वरकों की निर्भरता को कम करता है जिससे पर्यावरणीय नुकसान भी कम होता है। गौवंश पालन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है और दूध, दही, घी और अन्य गौवंशीय उत्पादों की बिक्री से ग्रामीणों की आय में वृध्दि की जायेगी।