11 जिलों में तैयार होंगी नई 70 नर्सरियां, दो साल में 70 लाख पौधे तैयार होंगे


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स्टोरी हाइलाइट्स

ये नर्सरियां स्वसहायता समूह द्वारा तैयार की जायेंगी जिन्हें मनरेगा के तहत साल में अधिकतम सौ दिन का रोजगार दिया जायेगा..!!

भोपाल: राज्य सरकार ने 11 जिलों में 70 नर्सरियां तैयार करने का निर्णय लिया है जिसमें दो साल में कुल 70 लाख पौधे तैयार किये जायेंगे। यह कार्य वन विभाग करेगा लेकिन इसका व्यय ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा योजना के तहत करेगा। 

ये नर्सरियां स्वसहायता समूह द्वारा तैयार की जायेंगी जिन्हें मनरेगा के तहत साल में अधिकतम सौ दिन का रोजगार दिया जायेगा। इन नर्सरियों से विक्रय होने वाले पौधें की राशि वन विभाग इन स्वसमहायता समूहों के खातों में ही जमा करायेगा। यह कार्य ग्रामीण परिवारों को अल्पावधि में रोजगार व दीर्घावधि में आजीविका में वृध्दि हेतु किया जायेगा।

इस नवीन योजना के तहत जबलपुर जिले में 6 नर्सरियां स्थापित की जायेंगी जोकि शहरी नर्सरी, परियट, दरौली, सरसवाही, कटरा एवं अमेरा में स्थापित की जायेंगी। इसी प्रकार, भोपाल में जिले में 11, रीवा में 6, खण्डवा में 6, सागर में 6, रतलाम में 4, इंदौर में 5, बैतूल में 4, ग्वालियर में 5, झाबुआ में 3 तथा सिवनी में 14 नर्सरियां स्थापित की जायेंगी। प्रत्येक नर्सरी पर 11 लाख 39 हजार रुपये व्यय दो साल में व्यय किये जायेंगे। 

स्वसहायता समूह में अधिकतम 12 सदस्य हो सकेंगे। प्रत्येक नर्सरी में प्रतिवर्ष 50 हजार पौधे तैयार किये जायेंगे जो दो साल में 1 लाख पौधे होंगे। राज्य आजीविका मिशन के पोर्टल पर दर्ज स्वसहायता समूह ही इस हेतु मान्य होंगे तथा इनका चयन ग्राम सभा द्वारा किया जायेगा। वन विभाग द्वारा पौध रोपणियों को 2 वर्ष में पूर्ण किये जाने के पश्चात स्व सहायता समूहों के माध्यम से ही आगामी वर्षों में संचालन किया जायेगा।