तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में आज दोपहर 12:20 बजे सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। घने जंगलों में हुए इस हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे। वायु सेना ने ट्वीट कर जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 11 लोगों की मौत की पुष्टि की।
With deep regret, it has now been ascertained that Gen Bipin Rawat, Mrs Madhulika Rawat and 11 other persons on board have died in the unfortunate accident.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
Around noon today, an IAF Mi 17 V5 helicopter with a crew of 4 members carrying the CDS and 9 other passengers met with a tragic accident near Coonoor, TN.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
Gp Capt Varun Singh SC, Directing Staff at DSSC with injuries is currently under treatment at Military Hospital, Wellington.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
देश के सीडीएस बिपिन रावत का मध्यप्रदेश से गहरा नाता था। उनकी ससुराल मध्यप्रदेश के शहडोल में है। उनकी पत्नी मधुलिका रावत मध्यप्रदेश के राजपरिवार की बेटी है। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के सोहागपुर स्थित गढ़ी में बिपिन रावत की ससुराल है। उनकी पत्नी मधुलिका रावत यही पर पली और बढ़ी हुई। वे स्व. कुंवर मृगेंद्र सिंह की पुत्री हैं। मृगेंद्र सिंह रीवा घराने से ताल्लुक रखते हैं।
बिपिन रावत की मधुलिका सिंह से शादी 1985 में हुई थी। जनरल रावत और मधुलिका की दो बेटी हैं। बड़ी बेटी कृतिका रावत है, जिनकी शादी मुंबई में हुई है, जबकि छोटी बेटी तारिणी अभी पढ़ाई कर रही हैं। विपिन रावत के ससुर मृगेंद्र सिंह शहडोल के सोहागपुर से 1967 और 1972 में कांग्रेस से दो बार विधायक रह चुके हैं। बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में पैदा हुए थे। 1978 से भारतीय सेना में थे। उन्हें 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स की पांचवी बटालियन में नियुक्त किया गया था।
जनरल बिपिन रावत भारत के पहले और तीनो सेनाओं के प्रमुख पद तक पहुंचे| इस पद को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस के नाम से जाना जाता है| जनरल बिपिन रावत ने 1 जनवरी 2020 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस के पद पर पदभार ग्रहण किया | जनरल बिपिन रावत इससे पहले भारतीय थल सेना अध्यक्ष रहे| बिपिन रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक भारत की आर्मी चीफ पद पर रहे| जनरल बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में Chauhan Rajput परिवार में हुआ|
जनरल बिपिन रावत की मां परमार वंश से आती हैं जबकि उनके पिता पारासर रावत थे जो गढ़वाल के उत्तराखंड के चौहान राजपूतों की शाखा है|
जनरल बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे|
जनरल विपिन रावत ने जनरल बिपिन रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने कैरियर का आगाज किया |
जनरल बिपिन रावत देहरादून में कैंब्रियन हॉल स्कूल, शिमला में सैंट एडवर्ड स्कूल, और इंडियन आर्मी अकैडमी भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में भी पढ़े|
उन्होंने फोर्ट लीवनवर्थ , यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज , वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स से ग्रेजुएट किया|
जनरल बिपिन रावत ने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में एमफिल , प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया।
उन्होंने मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी लिया और कंप्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा किया|
उन्हें 16 दिसंबर, 1978 को 11 गोरखा रायफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन मिला। रावत ने 1979 में मिजोरम में पहली नियुक्ति हासिल की|
इसके बाद उन्होंने नेफा इलाके में तैनाती के दौरान बटालियन का नेतृत्व किया|
कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स का नेतृत्व भी जनरल बिपिन रावत ने किया|
1 सितंबर 2016 को उन्होंने सेना के उप प्रमुख का पद संभाला, 31 दिसंबर 2016 को उन्हें सेना प्रमुख का पद दिया गया|
जनरल बिपिन रावत को उत्तम युद्ध सेवा पदक से नवाजा गया, उन्हें अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक, ऑपरेशन पराक्रम, विशेष सेवा पदक, सामान्य सेवा, सैन्य सेवा पदक ,उच्च तुंगता सेवा पदक, विदेश सेवा पदक, आजादी की 50वीं वर्षगांठ का पदक, 30 साल की लंबी सेवा का पदक, 20 वर्ष की लंबी सेवा का पदक, लंबी सेवा पदक, संयुक्त राष्ट्र शांतिस्थापन (MONUSCO) उन्हें प्रदान किए गए|
विपिन रावत ने मीडिया स्ट्रेटजी में डॉक्टरेट की|
उन्होंने 2011 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से मिलिट्री Media स्टडीज में पीएचडी की डिग्री मिली|
अपने 38 साल की सर्विस में जनरल बिपिन रावत ने लाइन ऑफ कंट्रोल, चीन बॉर्डर और नार्थ ईस्ट में एक लंबा समय व्यतीत किया और इसी अनुभव का उन्हें फायदा मिला, साउथ कमांड की कमान संभालते ही जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान से सटे पश्चिमी सीमा पर मैकेनाइज्ड बार अफेयर के साथ-साथ एयर फोर्स नेवी के साथ बेहतर तालमेल बैठाकर अपनी काबिलियत साबित की|
बिपिन रावत ने कश्मीर में पहले नेशनल राइफल्स में और इसके उपरांत मेजर जनरल के तौर पर इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली|
जनरल बिपिन रावत ने चाइनीस बॉर्डर पर कर्नल के तौर पर इन्फेंट्री बटालियन की कमान भी संभाली|
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में जनरल प्रमुख जनरल बिपिन रावत को सेना की तीनो विंग की कमान ऐसे ही नहीं मिली|
उनके पास युद्ध और सामान्य परिस्थितियों का जबरदस्त अनुभव देखा गया|
सीडीएस से देश की रक्षा तंत्र में नई शुरुआत हुयी और जनरल रावत की योग्यता और अनुभव ने उन्हें यहां तक पहुंचाया|
जनरल बिपिन रावत शुरू से ही तेजस्वी रहे|
16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जनरल बिपिन रावत पैदा हुए|
उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल पद से रिटायर हुए|
जनरल बिपिन रावत चुनौतियों से वाकिफ थे उनके पास पूर्वी क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल, डिवीजन में राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर के साथ डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड के मुखिया का अनुभव रहा |
जनरल रावत के पास अशांत इलाकों में काम करने का लंबा अनुभव रहा|
मिलिट्री पुनर्गठन पश्चिम क्षेत्र में और पूर्वोत्तर में जारी संघर्ष को उन्होंने करीब से देखा|
जनरल बिपिन रावत हमेशा सरकार के पसंदीदा रहे| 2016 में जब उन्हें सेना प्रमुख बनाया गया तब उनसे वरिष्ठ दो अन्य अफसर इस पद के प्रमुख दावेदार थे|
लेकिन सरकार ने उन दोनों के दावों को दरकिनार कर दिया और जनरल बिपिन रावत को सीडीएस के पद से नवाजा|
गोरखा ब्रिगेड में कमीशन पाकर सेना प्रमुख के पद तक पहुंचने वाले पांचवे अफसर है| वे सैन्य अधिकारियों को मिलने वाली सुविधाओं पर कई बार आपत्ति जता चुके थे| वे आम लोगों और सेना के बीच मेलजोल के पक्षधर रहे| रावत सेना को मिलने वाले विशेष अधिकारों के खिलाफ रहे|
उन्होंने सेना के प्रमुख होने के साथ Raksha Mantri के सलाहकार की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति की घोषणा की |
सेना के लिए वह पल गौरव का पल था जब जनरल बिपिन रावत को नियुक्ति मिली| सशस्त्र बलों के बीच तालमेल एकजुटता और समन्वय को बढ़ावा देने वाली यह नियुक्ति हमेशा याद रखी जाएगी|
हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ अन्य लोग सवार थे|