प्रदेश के स्कूलों में सिंगल यूज प्लास्टिक रोकने के उपाय अपनाये जायेंगे.. डॉ. नवीन जोशी
भोपाल: राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत राज्य शिक्षा केंद्र ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेजकर कहा है कि वे अपने क्षेत्र के स्कूलों में सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के उपाय अपनायें तथा निबंध प्रतियोगिता कराई जाये जिसके विजेता विद्यार्थियों को आगामी गणतंत्र दिवस पर पुरस्कृत किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पहले चरण में 1 जनवरी 2022 से अमानक प्लास्टिक से बनी वस्तुयें प्रतिबंधित करने की अधिसूचना जारी की है। इन अमानक प्लास्टिक वस्तुओं के स्थान पर वैकल्पिक वस्तुओं के उपयोग के उपाय भी राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी किये हैं। मसलन प्लास्टिक स्टिकयुक्त ईयरबड्स के स्थान पर लकड़ी पर रुई लगाकर ईयर बड्स बनाई जाये। गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डण्डी के स्थान पर गुब्बारों को लकड़ी की डंडियों पर बांधा जाये। प्लास्टिक के झंडे के स्थान पर कपड़े का झण्डा बनाया जाये। कैंडी स्टिक्स के लिये लकड़ी की स्टिकस बनाई जाये। आइसक्रीम की डंडी प्लास्टिक के स्थान पर लकड़ी की रखी जाये तथा चम्मचें भी लकड़ी की रखी जायें। थर्मोकॉल के स्थान पर कागज, मिट्टी के उपयोग से सामग्री बनाई जाये।
इसी प्रकार, दूसरे चरण में 1 जुलाई 2022 से प्लास्टिक की प्लेटें, प्लास्टिक कप, प्लास्टिक गिलास, प्लास्टिक चाकू, प्लास्टिक स्ट्रा एवं ट्रे, प्लास्टिक की फिल्म वाले मिठाई के डिब्बे व निमंत्रण कार्ड, प्लास्टिक/पीवीसी 100 माइक्रॉन से कम मोटाई के बैनर व, प्लास्टिक स्टीकर्स प्रतिबंधित किये हैं। इनके स्थान पर पत्ते के दोने, कागज के कप, गिलास, केक काटने हेतु मेटल का चाकू, पैकिंग के लिए कागज, कागज के गत्ते के डिब्बे, सूखे फूलों व पत्तों से सजावटी सामान का उपयोग किया जाये।