गैर कृषि विश्व विद्यालयों में शुरु होगा एग्रीकल्चर स्नातक पाठ्यक्रम! विरोध में उतरे एग्रीकल्चर स्टूडेंट


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मध्य प्रदेश सरकार ने हाल में गैर कृषि महाविद्यालय यानी कि परंपरागत यूनिवर्सिटीज में एग्रीकल्चर स्नातक पाठ्यक्रम को संचालित करने का आदेश दिया है। अब इसे लेकर बवाल मच गया है। कृषि से जुड़े छात्र इसके विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पत्र लिख कर इसका विरोध किया और आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार कृषि अनुसंधान, कृषि विश्वविद्यालय को समाप्त कर कृषि महाविद्यालय की जमीन छीनना चाहती है। इंदौर इसका उदाहरण है। 

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छात्रों का कहना है कि परंपरागत विश्वविद्यालय से बिना प्रशिक्षण के पास हुए छात्र कौशल विहीन होंगे जो आगे चलकर किसानों का नुकसान कराएंगे। आपको बता दें, कि मध्य प्रदेश में लगभग 12 कृषि महाविद्यालय है जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मान्यता प्राप्त है और उनके द्वारा संचालित किए जाते हैं।

सवाल ये है कि यदि कृषि स्नातक पाठ्यक्रम का संचालन अगर मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग करेगा और कृषि विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कराएगा। ऐसा कैसे संभव है? 

आख़िर अलग से कृषि विश्वविद्यालय और कृषि महाविद्यालय की स्थापना क्यों की गई इसका क्या उद्देश्य था? - कृषि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के लिए ICAR एक्रीडिटेशन अनिवार्य क्यों किया गया था यदि उच्च शिक्षा विभाग को यह अधिकार है तो क्या चिकित्सा शिक्षा (MBBS) को UGC से मान्यता प्राप्त मध्यप्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालय में संचालित किया जा सकता है? यदि नहीं, तो फिर कृषि शिक्षा क्यों?