विधानसभा समिति ने आत्महत्यायें रोकने की जिम्मेदारी कलेक्टरों पर डाली


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स्टोरी हाइलाइट्स

प्रदेश में आत्महत्यायें रोकने के लिये अनुशंसायें देने के लिये विधानसभा की समिति का गठन किया गया था जिसने 24 मार्च 2017 को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था..!

भोपाल। प्रदेश में किसानों, युवाओं की आत्महत्यायें रोकने की जिम्मेदारी विधानसभा समिति ने जिला कलेक्टरों पर डाल दी है। राज्य के गृह विभाग के एक प्रतिवेदन के अनुसार, प्रदेश में आत्महत्यायें रोकने के लिये अनुशंसायें देने के लिये विधानसभा की समिति का गठन किया गया था जिसने 24 मार्च 2017 को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। 

राज्य सरकार ने इस प्रतिवेदन के बिन्दु क्रमांक 31 को महत्वपूर्ण माना और इसी पर अमल करने का निर्णय लिया। यह बिन्दु था : जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में वरिष्ठ नागरिकों, प्रबुधजनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा पालकों के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक समिति का गठन किया जाये, जो एक ओर किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों, युवाओं द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के कारणों का अध्ययन करने एवं उन्हें संबल प्रदान करने एवं उनके स्वावलंबन के लिये उपाय सुझाने, विद्यार्थियों हेतु समुचित वातावरण निर्मित कर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हुये संस्ािाओं को मूल्य आधारित शिक्षा हेतु प्रेरित करें। 

वहीं दूसरी ओर किसी विद्यार्थी की समस्या/शिकायत के समाधान हेतु भी सक्षम हो। उक्त बिन्दु के पालन के संबंध में राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित कर दिया है। इस प्रकार, आत्महत्याओं को रोकने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों पर डाल दी गई है।