उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। अब तक देश-विदेश से करीब 40 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। फिलहाल तीर्थराज में श्रद्धालुओं की भीड़ पहले की तरह ही तेजी से आगे बढ़ रही है, जिससे सड़कें और हाईवे जाम हो रहे हैं। श्रद्धालुओं को 15 से 20 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है।\
इसे देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा कार्यकर्ताओं को श्रद्धालुओं की मदद करने का आदेश दिया है। जिसके बाद प्रदेश भाजपा इकाई के पदाधिकारी हरकत में आ गए और महाकुंभ की व्यवस्थाओं की कमान अपने हाथों में लेनी शुरू कर दी।
वहीं महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ जैसी घटना दोबारा न होने पाए, इसको लेकर योगी सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। सीएम योगी ने माघी पूर्णिमा स्नान से पहले एसटीएफ चीफ को प्रयागराज भेज दिया है।
महाकुंभ 2025 का अगला स्नान 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर है। माघी पूर्णिमा स्नान से पहले करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पैदल ही महाकुंभ पहुंच रहे हैं। भारी भीड़ होने के चलते प्रयागराज में लंबा जाम लग गया है। भीड़ को देखते हुए महाकुंभ में मौनी अमावस्या जैसी भगदड़ न होने पर इसलिए योगी सरकार ने भी कमर कस ली है। सीएम योगी ने तेज तर्रार अफसरों को महाकुंभ भेज रहे हैं। यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश भी महाकुंभ पहुंच गए हैं। वह माघी पूर्णिमा स्नान की कमान संभालेंगे।
प्रयागराज महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हुआ और 26 फरवरी तक चलेगा। 144 साल बाद हो रहे इस महाकुंभ में हर कोई संगम में स्नान करने को आतुर है। जिसके कारण महाकुंभ नगर की ओर जाने वाली सड़कों पर भारी जाम लग गया है।
इस बीच, राजनीतिक दलों ने अपने कार्यकर्ताओं से लोगों की मदद करने की अपील की है। भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री बीएल संतोष ने जाम में फंसे लोगों को भोजन और पानी उपलब्ध कराने की बात कही है।
उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखा, 'पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर कार्यकर्ताओं को सड़कों पर यातायात प्रबंधन और कुंभ तीर्थयात्रियों को भोजन और चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराने में प्रशासन की मदद करनी चाहिए।'
बीएल संतोष के ट्वीट के बाद यूपी बीजेपी एक्शन में नजर आ रही है। पार्टी के प्रदेश महासचिव (संगठन) धर्मपाल ने अपने कार्यकर्ताओं को फंसे हुए श्रद्धालुओं को भोजन, पानी आदि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
पार्टी कार्यालय से करीब 10 जिलों के जिला प्रमुखों और नेताओं को निर्देश भेजे जा रहे हैं ताकि फंसे हुए यात्रियों को तुरंत मदद मिल सके। इस संबंध में प्रतापगढ़, रायबरेली, अमेठी, भदोही, मिर्जापुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, मिर्जापुर, चित्रकूट आदि जिलों के जिला अध्यक्षों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। कानपुर नगर, कानपुर देहात और कानपुर ग्राम के जिला अध्यक्ष कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर उतरे। उन्होंने प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की भी मदद की।
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी कार्यकर्ताओं से अपने क्षेत्रों से महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं की यथासंभव मदद करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता बंधुओं से अनुरोध है कि अपने क्षेत्र से महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं की मदद करें। उनके भोजन और, यदि आवश्यक हो तो, आवास की व्यवस्था करें। कृपया इस बात का विशेष ध्यान रखें कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
भाजपा अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से पुलिस के साथ मिलकर काम करने को कहा ताकि लोगों को ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से राहत मिल सके। सड़कों और राजमार्गों पर भोजन और पानी की व्यवस्था करें। यदि कोई भक्त बीमार हो तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराएं।
इन सबके बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रयागराज में भारी ट्रैफिक जाम के लिए यूपी सरकार की आलोचना की और कहा कि इससे महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी असुविधा हो रही है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर कहा था कि प्रयागराज में जाम के कारण न अनाज, सब्जी और मसाले मिल रहे हैं, न ही दवाइयां, पेट्रोल और डीजल है। इसके कारण प्रयागराज और महाकुंभ परिसर तथा प्रयागराज की ओर जाने वाली सड़कों पर भूखे, प्यासे, थके और फंसे लाखों श्रद्धालुओं की हालत हर घंटे खराब होती जा रही है। यह बहुत गंभीर स्थिति है।
उन्होंने कहा, जिस प्रकार राज्यों में संवैधानिक व्यवस्था विफल होने पर कमान किसी और को सौंप दी जाती है, उसी प्रकार महाकुंभ में अव्यवस्था को देखते हुए किस सक्षम व्यक्ति को शासन की बागडोर सौंपी जाए।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि अयोग्य लोग झूठा प्रचार कर सकते हैं, सही व्यवस्था नहीं। उन्होंने दावा किया कि श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन की बैटरियां खत्म हो गई थीं, इसलिए उनका अपने लोगों से संपर्क टूट गया। संचार और सूचना की कमी से लोगों में चिंता बढ़ गई है।
ऐसा प्रतीत होता है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई जिम्मेदार मंत्री या व्यक्ति मौजूद नहीं है। मुख्यमंत्री पूरी तरह विफल साबित हुए हैं और इसके अलावा उपमुख्यमंत्री और प्रयागराज के कई प्रमुख मंत्री भी नदारद हैं। जिन लोगों को जनता की नजरों में रहना चाहिए था, वे घर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि दिन-रात भूखे-प्यासे रहकर ड्यूटी पर डटे कांस्टेबल, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और सफाई कर्मचारियों के लिए भोजन और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि अधिकारी कमरे में बैठकर आदेश तो दे रहे हैं लेकिन जमीन पर उनका क्रियान्वयन नहीं कर रहे हैं। सपा नेता ने कहा कि प्रयागराजवासियों को गंदगी, ट्रैफिक जाम और महंगाई के अलावा कुछ नहीं मिला है। सुनने में आया है कि अब भाजपा भक्तों पर आरोप लगा रही है कि जब उन्हें पता है कि हर जगह बुरी व्यवस्था फैली हुई है तो फिर भक्त क्यों आ रहे हैं। कुछ लोग दुर्घटना पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़कर दूसरे राज्यों में कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे हैं, कुछ विदेश जा रहे हैं, क्या कोई श्रद्धालुओं की सुध ले रहा है?
आपको बता दें, कि मेला प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 13 जनवरी से 9 फरवरी तक 43.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है।