Ayushi Murder Case: सूटकेस में आयुषी की लाश के खुले राज..! पिता ने ही बेटी को मारी गोली, मां भी थी हमराज?


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स्टोरी हाइलाइट्स

Ayushi Murder Case: 17 नवंबर को मां से झगड़ा होने के बाद पिता ने आयुषी की हत्या की. फिर दोपहर में उसकी लाश को सूटकेस में पैक किया और अंधेरा होते ही कार में सूटकेस को रख घर से निकल गया. करीब 150 km दूर मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर सूटकेस को फेंक दिया. एक सूचना के ज़रिये 18 की सुबह सूटकेस में पैक आयुषी की लाश पुलिस को मिली थी. फ़िलहाल पुलिस ने इस हत्या का ख़ुलासा कर दिया हैं. जानिए आयुषी मर्डर केस की पूरी कहानी..!!

एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि गलती हर किसी से हो जाती हैं लेकिन क्या कोई गलती इतनी बड़ी हो सकती है कि उसके लिए जान तक ले ली जाए. वैसे तो बेटी पिता की लाड़ली होती है लेकिन दिल्ली के बदरपुर थाना क्षेत्र के निवास नितेश यादव ने अपनी लाड़ली बेटी की एक गलती पर उसकी जान तक ले ली. जिसने भी इस घटना को सुना उसका दिल भर आया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 18 नवंबर को यूपी के मथुरा से 21 वर्षीय युवती की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया था. अब हत्या के ख़ुलासे धीरे-धीरे सामने आने लगे है. जिन्हें सुन हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए.

एक मजदूर को राया थाना क्षेत्र के कृषि अनुसंधान केंद्र के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर शुक्रवार (18 नवंबर) की दोपहर एक लावारिस सूटकेस मिला. सूटकेस से खून निकलता देख उसने सबसे पहले पुलिस को सूचना दी और फिर मौके पर पहुंची पुलिस ने जो देखा, उससे आंखें फटी की फटी रह गई.

पुलिस को बंद सूटकेस से एक युवती का शव मिला, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई. आरोपी ने युवती की बेरहमी से हत्या कर लाश को पॉलीथिन में भर सूटकेस में बंद कर फेंक दिया था. घर वालों के ज़रिये मृतक की शिनाख्त कर ली गई है.

दरअसल, सूटकेस में मिली 21 वर्षीय लड़की की लाश दिल्ली निवासी नितेश यादव की बेटी आयुषी की है. इस घटना में बड़ी बात ये है कि पिता ने ही बेटी के सीने में गोली मारकर हत्या की और फिर शव को एक सूटकेस में पैक कर यमुना एक्सप्रेस-वे पर फेंक दिया. हत्या के ख़ुलासे से एक दिन पहले पुलिस के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर आयुषी की मां और भाई ने बेटी के शव की शिनाख्त की थी. 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आयुषी का भरतपुर के रहने वाले एक लड़के से अफेयर था, माता-पिता इसके खिलाफ थे. सबसे पहले माँ को पता चला तो 17 नवंबर की दोपहर आयुषी और मां के बीच झगड़ा हुआ. ये जानकारी पिता तक पहुंची, उसके बाद नाराज पिता घर आया और उन्होंने बेटी को समझाने की पूरी कोशिश की लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी. उसके बाद गुस्से में पिता ने लाइसेंस रिवॉल्वर से बेटी के सीने में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. फिर शव को सूटकेस में भर यूपी के यमुना एक्सप्रेस-वे पर झाड़ियो के बीच फेंक दिया.

शव मिलने के बाद एक-एक कर कड़ी जोड़ते हुए पुलिस खुद आरोपी के घर पहुंची और माता-पिता को गिरफ्तार किया. उन्होंने पूछताछ के दौरान रोते- रोते ये सारी बातें कबूली. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ वह सब गुस्से में अचानक हुआ क्योंकि बेटी कुछ भी समझने और मानने को तैयार नहीं थी.

इस कबूलनामे के बाद से पुलिस को हत्या से जुड़े सबूत जुटाने में आसानी हुई. देर रात पुलिस की एक टीम हत्या वाली जगह को सुरक्षित करने के लिए पहुंची. साथ ही शव को ले जाने के लिए इस्तेमाल की गई कार और हथियार आदि बरामद कर लिए गए है.

फ़िलहाल इस घटना को सुन हर किसी का दिल दहल उठा है. लेकिन सवाल यही है कि क्या बच्चों की गलती पर सजा के नाम पर इस तरह का ख़ूनी खेल जायज है? अगर बच्चे इस तरह के कदम उठाते भी हैं तो परिवार को संयम के साथ उनका मार्गदर्शन करना चाहिए ताकि वह सभी रास्ते पर आ सके. भावावेश में इस तरह के कदम से अपने बच्चों को हमेशा के लिए खो देना और फिर पूरा जीवन जेल की सलाखों में काटना निहायत ही बचकाना है.