नौरादेही टाईगर रिजर्व में बीट गार्ड ने वसूले विस्थापितों से 7 लाख, निलम्बित किया, एफआईआर भी होगी


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स्टोरी हाइलाइट्स

फारेस्ट अफसरों एवं जिला प्रशासन ने संयुक्त जांच की जिसमें बीट गार्ड पुरुषोत्तम साहू और उसका पुत्र दोषी पाये गये तथा वन विभाग ने उसे निलम्बित कर दिया..!!

भोपाल: प्रदेश के सागर एवं दमोह जिले में फैले नौरादेही यानि रानी दुर्गावती टाईगर रिजर्व में वहां के बीट गार्ड ने 24 विस्थापित परिवारों से करीब 7 लाख रुपये वसूल लिये। इस मामले की शिकायत मिलने पर फारेस्ट  अफसरों एवं जिला प्रशासन ने संयुक्त जांच की जिसमें बीट गार्ड पुरुषोत्तम साहू और उसका पुत्र दोषी पाये गये तथा वन विभाग ने उसे निलम्बित कर दिया। 

इस बीट गार्ड को वसूली गई राशि वापस करने के लिये कहा गया था परन्तु उसने इसे अनसुना कर दिया जिस पर अब एसीएस अशोक बर्णमाल ने उसके खिलाफ सागर कलेक्टर को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये हैं। 

इस बीट गाार्ड ने विस्थापन की कट ऑफ डेट आगे बढ़ाने का झांसा देकर 7 लाख रुपये की 24 विस्थापित वनवासी परिवार जोकि नौरादेही रेंज की जोगीपुरा बीट के जोगीपुरा और खमरा पठार के थे, से अवैध वसूली की थी। हालांकि बीट गार्ड पर आरोप था कि उसने डीएफओ और कलेक्टर के नाम पर यह वसूली की। पीडि़त वनवासियों ने ठगे जाने के बाद अपनी शिकायत में कहा था विस्थापन की प्रक्रिया में उनके परिवार के 18 साल की आयु पूर्ण कर चुके लडक़े-लड़कियों के नाम शामिल नहीं किए गए थे। 

इस संबंध में उन्होंने कट आफ डेट बढ़ाने के लिए कई बार मांग की तो बीट गार्ड पुरषोत्तम साहू ने 24 वनवासियों से 31-31 हजार रूपए वसूले और कलेक्टर कार्यालय और डीएफओ कार्यालय में देने के लिए संपर्क कराया। ग्रामीण निजी वाहन से कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां बीट गार्ड के बताए मोबाइल नंबर पर फोन लगाया। 

फोन लगाने के बाद चेहरे पर मास्क बांधे हुए एक युवक आया और आदिवासियों को कलेक्टर कार्यालय में अंदर ले गया। जहां 7 लाख रपये से ज्यादा की राशि लेकर कहा कि अब सबके नाम पैकेज में जुड़ जाएंगे और कट ऑफ डेट बढ़ जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।