मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित सेंट्रल जेल में बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस से पहले जेल परिसर में एक संदिग्ध ड्रोन कैमरा उड़कर गिरने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
खास बात यह है कि ड्रोन कैमरा उस हाई सिक्योरिटी बैरक के बेहद नजदीक मिला है, जहां सिमी, हिजबुल, पीएफआई समेत कई आतंकी संगठनों के 69 संदिग्ध कैद हैं। बुधवार को जेल में ड्रोन कैमरा मिला था, लेकिन गुरुवार सुबह भी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जेल परिसर में मौजूद रहे। मामले की जांच चल रही है। इसके अलावा भोपाल पुलिस भी अलर्ट मोड पर है।
बताया जा रहा है कि यह संदिग्ध ड्रोन अंडा सेल से करीब 200 मीटर दूर उस स्थान पर मिला जहां नई बैरक का निर्माण कार्य चल रहा है। हालांकि, अब तक की जांच में पता चला है कि इस दोहरे लेंस वाले चीनी ड्रोन कैमरे से कोई संदिग्ध इनपुट नहीं मिला है। हालांकि, ड्रोन को तकनीकी जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है ताकि इसका विस्तृत अध्ययन किया जा सके। यह भी कहा जा रहा है कि जेल परिसर में मिला ड्रोन 'मेड इन चाइना' है।
इस मामले को लेकर जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने बताया कि सेंट्रल जेल परिसर का ब्लॉक (बी) हाई सिक्योरिटी जोन में आता है। यह वह क्षेत्र है जहां खतरनाक कैदियों और आतंकवादियों को रखा जाता है। इस बैरक के पास नई बैरकों का भी निर्माण किया जा रहा है। बुधवार को अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे जेल प्रहरी गश्त कर रहा था।
उन्होंने उच्च सुरक्षा क्षेत्र से लगभग 200 मीटर दूर एक गड्ढे के पास एक संदिग्ध वस्तु देखी। जब वह नजदीक पहुंचे तो उन्हें पता चला कि वह वस्तु एक ड्रोन थी। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना जेल प्रबंधन के साथ-साथ विभाग के उच्च अधिकारियों को दी।
सेंट्रल जेल में ड्रोन मिलने से जेल प्रबंधन और विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया। सभी आला अधिकारी तुरंत जेल पहुंचे और जांच शुरू की। अब तक की जांच से पता चला है कि ड्रोन के अंदर एक बैटरी और दो कैमरे लगे हुए हैं। फिलहाल इस बात की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है कि इस कैमरे में क्या रिकॉर्ड हुआ है। ड्रोन में उपयुक्त लाइटें भी लगाई गई हैं।
स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी), पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), हिज्ब उत तहरीर (एचयूटी) और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकी संगठनों के कुल 69 आतंकी भोपाल सेंट्रल जेल में कैद हैं। उन्हें प्रतिदिन सुबह ढाई घंटे और शाम को एक घंटे के लिए बैरक से बाहर निकाला जाता है, ताकि वे अपना दैनिक कार्य कर सकें। दो गार्ड हमेशा इन आतंकवादियों पर नजर रखते हैं। बताया जा रहा है कि आतंकी कामरान, अबू फैजल, शिबली और कमरुद्दीन को छोड़कर शेष सभी 65 आतंकियों को जेल मैनुअल के अनुसार अपने परिजनों से मुलाकात की सुविधा और कैंटीन की सुविधा मुहैया कराई गई है।
जेल के अंदर ड्रोन की मौजूदगी की सूचना मिलने पर गांधी नगर पुलिस की एक टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस आसपास के सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क में लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या कोई ड्रोन का परीक्षण कर रहा था। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।