Bhopal News: मोती नगर में चलेगा बुलडोजर, तोड़े जाएंगे 384 मकान, 110 दुकानें, बड़े पैमाने पर प्रशासन-निगम अमला तैयार


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स्टोरी हाइलाइट्स

दुकानदारों को नोटिस मिलने के बाद खुद ही अपना सामान बाहर निकाल रहे, दोपहर बाद कार्रवाई शुरू होगी, इससे पहले कांग्रेस चुकी है विरोध, दुकानदारों में रोष है प्रशासन के खिलाफ..!!

Bhopal News: शुक्रवार 7 फरवरी को भोपाल में पुलिस और प्रशासन मोतीनगर बस्ती में अवैध दुकानों और मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई करेगा। सुभाष नगर पुल की तीसरी लेन के निर्माण के लिए अतिक्रमण को हटाया जाना जरूरी बताया जा रहा है। 

पुलिस ने इलाके के लोगों को अल्टीमेटम दिया है कि शुक्रवार से मकान ढहाने का काम शुरू हो जाएगा। वहीं कांग्रेसी इसके खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन ने पर्याप्त पुलिस बल की मांग की है।

राजधानी भोपाल के सुभाष नगर के पास अवैध रूप से चल रही दुकानों और मकानों को शुक्रवार से ध्वस्त किया जाएगा। गुरुवार को पुलिस मोतीनगर बस्ती पहुंची और अल्टीमेटम दिया। इसके बाद कई दुकानदारों ने भी अपना सामान हटाना शुरू कर दिया।

आपको बता दें कि गुरुवार को अल्टीमेटम का आखिरी दिन था। हालांकि, भोपाल में मोतीनगर झुग्गी बस्ती को तोड़ने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया गया है। गुरुवार शाम को पुलिस मौके पर पहुंची, और वहां मौजूद लोगों से स्वेच्छा से अपनी दुकानें और घर खाली करने को कहा।

राजस्व विभाग और नगर निगम अमले के साथ पर्याप्त पुलिस बल न होने के कारण यहां से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया कुछ दिनों के लिए स्थगित करनी पड़ी।निवासियों को बस्ती हटाने के लिए 4 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया था। 

इसके बाद प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जानी थी। एमपी नगर एसडीएम एल.के. खरे ने बताया कि कार्रवाई के लिए पुलिस बल मांगा गया है, लेकिन दो दिन से पुलिस बल उपलब्ध नहीं है। अब जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन के अनुसार मोतीनगर बस्ती में कुल 384 घर हैं। यहां 110 स्थायी दुकानें भी हैं। इन दुकानों को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस दौरान नगर पालिका, पुलिस और जिला प्रशासन संयुक्त कार्रवाई करेंगे। उल्लेखनीय है कि मोतीनगर कॉलोनी को हटाने का भी विरोध हो रहा है।

तीन दिन पहले कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला दुल्हन लेकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के पास पहुंचे थे। शुक्ला ने उन्हें बताया कि जिला प्रशासन की कार्रवाई से पहले मोती नगर से कई मानवीय पहलू सामने आ रहे थे। 

यदि प्रशासन वर्तमान में पीड़ित सैकड़ों परिवारों को कोई राहत प्रदान नहीं करता है, तो वित्तीय संकट के अलावा, उन्हें नैतिक संकट का भी सामना करना पड़ेगा। किसी के घर में बेटी के हाथ पीले किए जा रहे हैं तो कहीं बेटे की शादी की तैयारियां हो रही हैं।