Bhopal Vidhansabha News: मंडला आदिवासी मुठभेड़ मामले में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर पूरे मामले पर असंवेदनशील रुख अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने अब पीड़ित परिवार के एक सदस्य के लिए नौकरी और एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है।
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को कांग्रेस ने मंडला आदिवासी मुठभेड़ मामले को लेकर दूसरी बार सदन से वॉकआउट किया। सोमवार को भी कांग्रेस विधायकों ने इसी मुद्दे पर सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था।
बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार को घेर रहे हैं। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने सदन में मंडला मुठभेड़ का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं और इस मुठभेड़ में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है।
विधानसभा सत्र के दौरान सदन में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार और कांग्रेस विधायकों ने मंडला में फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच की मांग की। सरकार से संतोषजनक जवाब न मिलने पर विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया और मुठभेड़ की उचित जांच तथा पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की। इस बीच कांग्रेस विधायकों ने जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने आदिवासी पीड़ित परिवार के लिए न्याय और आदिवासियों पर अत्याचार बंद करने की मांग करते हुए नारे लगाए।
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि हमारी मांग थी कि पीड़ित के परिवार के एक सदस्य को नौकरी और एक करोड़ रुपए दिए जाएं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में मंत्री या सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को नक्सली घोषित कर मारा गया वह निर्दोष आदिवासी था और सरकार जांच के नाम पर भाग रही है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार को पीड़ित आदिवासी परिवारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।