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अमेरिका : डेमोक्रेट सही मायनों में अब पटरी पर

राकेश दुबे राकेश दुबे
Updated Tue , 16 Sep

सार

अमेरिकी जनमानस में कमला हैरिस की लगातार बढ़ती लोकप्रियता से मुकाबले में ट्रंप को कोई जादू करना पड़ेगा।

janmat

विस्तार

कमला हैरिस की दमदार उपस्थिति से वैश्विक समीकरण बदल रहे हैं। अब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिये डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के विधिवत पार्टी प्रत्याशी घोषित होने के बाद आगामी पांच नवंबर को होने वाले चुनावी मुकाबले की स्थिति स्पष्टहो गई है। उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप, जो पिछले महीनों में अजेय बढ़त लेते दिख रहे थे, अब पहले जैसी स्थितिमें नहीं हैं।

जब से एक जनसभा में कथित हत्या के प्रयास में ट्रम्प  बाल-बाल बचने के बाद उन्होंने जिस तरह निडरता से अपनी मुट्ठी तानकर अपनीसशक्त अभिव्यक्ति दी थी, उससे वे सहानुभूति के चलते बढ़त लेते नजर आ रहे थे। तब राष्ट्रपति जो बाइडेन का चुनाव अभियान लगातारपिछड़ता नजर आ रहा था, जिससे ट्रंप खासे उत्साहित थे। अब चुनाव अभियान से जुड़ी स्थितियां पिछले कुछ हफ्तों में तेजी से बदलती नजरआ रही हैं। दरअसल, सेहत के मुद्दे तथा शिथिल प्रदर्शन के चलते डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से बाइडेन पर राष्ट्रपति चुनाव के लिये दावेदारीवापस लेने का लगातार दबाव बढ़ता गया ।

कालांतर भारी दबाव के बाद बाइडेन ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिये अपनी दावेदारी को वापस ले लिया। जिसके बाद भारतीय और जमैकाके अप्रवासियों की बेटी कमला हैरिस के चुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त हुआ। धीरे-धीरे चुनावी मुहिम में तेजी आई और डेमोक्रेट सही मायनों मेंपटरी पर लौटते नजर आए हैं। जिससे पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप के लिये असहज स्थितियां बनने लगी।निस्संदेह, कुशल वक्ता के रूप में दमदार उपस्थिति से कमला हैरिस ने अमेरिकी जनमानस का ध्यान खींचा।

इतना ही नहीं, उन्हें डेमोक्रेट पार्टीके दिग्गज नेताओं का भी खुला समर्थन मिला। जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और बिल क्लिंटन के दमदार भाषणों ने कमला हैरिस कीदावेदारी को और सशक्त बनाया। कुल मिलाकर पार्टी के कमला को विधिवत प्रत्याशी घोषित करने वाले सम्मेलन के बाद चुनावी अभियान मेंउन्हें बढ़त मिलती दिख रही है।

आने वाले दिनों में चुनावी मुकाबला कड़ा होता जाएगा। एक मुखर व बेबाक वक्ता के रूप में कमला हैरिस अमेरिकी जनमानस को प्रभावितकर रही हैं। उन्होंने जनमानस की आकांक्षाओं के अनुरूप संदेश देने का प्रयास किया है कि व्हाइट हाउस में एक ‘अगंभीर आदमी’ की वापसीके ‘गंभीर परिणाम’ अमेरिकी जनता को भुगतने पड़ सकते हैं। अभी तक वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन को केंद्र में रखकर आक्रामक नीति बनाने वाले ट्रंप को अब मैदान में कमला हैरिस के उतरने के बाद नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ रही है। वे असमंजस की स्थिति में हैं।

वे जानते हैं किउनका मुकाबला एक दमदार प्रत्याशी से है, जो उनके कथित यौन अपराधों में संलिप्तता के मुद्दे पर आड़े हाथ लेने से पीछे नहीं रहने वाली। वहींट्रंप के कार्यकाल में ओवल ऑफिस में देखी गई अराजकता तथा वर्ष 2020 के चुनाव में पराजय के बाद कैपिटल हिल में उनके समर्थकों केहिंसक कृत्य अमेरिकियों के दिमाग में अभी भी ताजे हैं।

अमेरिकी जनमानस में कमला हैरिस की लगातार बढ़ती लोकप्रियता से मुकाबले में ट्रंप को कोई जादू करना पड़ेगा। हालांकि, सर्वेक्षणों मेंकमला हैरिस की लोकप्रियता में वृद्धि देखी गई है। इसी कड़ी में ट्रंप को अगले महीने कमला के खिलाफ टेलीविजन पर होने वाली बहस मेंअपनी पकड़ बनानी होगी।

बीते  जून की बहस में जो बाइडेन पर बढ़त लेते नजर आए थे। दरअसल, जो बाइडेन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते पिछड़ते दिखे थे, जोजनमानस में बड़ा मुद्दा बना दिया गया। इतना ही नहीं डेमोक्रेट पार्टी में भी जो बाइडेन पर नाम वापसी के लिये दबाव बढ़ता गया। अबपरिस्थितियां बदल गई हैं। पहले जहां बाइडेन को इस चुनाव में सबसे ज्यादा उम्रदराज व्यक्ति के रूप में दर्शाया जा रहा था, अब कमला हैरिसट्रंप के मुकाबले युवा हैं। जिसका लाभ उन्हें चुनाव अभियान में मिल सकता है। इसके बावजूद कमला को ध्यान रखना होगा कि सिर्फ ट्रंप कोकोसने से ही वे बढ़त नहीं ले सकतीं। उन्हें अमेरिका को आगे बढ़ाने का रोड मैप व्यावहारिक कार्ययोजना के साथ अपने मतदाताओं के समक्षरखना होगा।