ऑनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से शुरू हुए रिश्ते कई बार खतरनाक मोड़ ले लेते हैं, श्रद्धा वालकर और हिमानी नरवाल जैसे मामलों में, ऑनलाइन शुरू हुए रिश्ते लिव-इन रिलेशनशिप और हत्या में बदल गए..!!
और इस डिजिटल युग में इंटरनेट ने प्रेम संबंधों को भी सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स और ऑनलाइन चैट के माध्यम से बने रिश्ते, जो कभी प्यार और विश्वास के वादों से भरे होते थे, जो अब अक्सर धोखाधड़ी, उत्पीड़न और यहां तक कि हत्या के खूनी अंत में बदल रहे हैं।
ऑनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से शुरू हुए रिश्ते कई बार खतरनाक मोड़ ले लेते हैं। श्रद्धा वालकर और हिमानी नरवाल जैसे मामलों में, ऑनलाइन शुरू हुए रिश्ते लिव-इन रिलेशनशिप और हत्या में बदल गए। इसी तरह, केरल, चंडीगढ़, मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में 2019 से 2023 के बीच हुई घटनाओं में, महिलाओं को ऑनलाइन मिले व्यक्तियों द्वारा हत्या, धोखाधड़ी, बलात्कार और ब्लैकमेलिंग का शिकार होना पड़ा।
ये घटनाएं सिर्फ व्यक्तिगत त्रासदी नहीं हैं, बल्कि ये हमारे समाज के लिए एक चेतावनी हैं।
साइबर लव, ऑनलाइन माध्यमों जैसे सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स और ईमेल के जरिए रोमांटिक रिश्ते बनाने की प्रक्रिया है। यह रिश्ते अक्सर शुरुआत में बहुत ही आकर्षक और रोमांचक लगते हैं, क्योंकि लोग अपनी ऑनलाइन पहचान को अपनी इच्छानुसार बना सकते हैं। यह नए रिश्ते बनाने के अवसर तो प्रदान करता है, लेकिन इसके साथ ही कानूनी चुनौतियां भी उत्पन्न हो रही हैं, जैसे कि ऑनलाइन धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, साइबर स्टॉकिंग और अश्लील सामग्री का प्रसार।
साइबर लव सिर्फ ऑनलाइन डेटिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें ऑनलाइन गेमिंग और वर्चुअल रियलिटी प्लेटफॉर्म भी शामिल हो गए हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके ‘डीपफ़ेक’ वीडियो और ऑडियो बनाए जा रहे हैं, जिनसे ऑनलाइन रिश्तों में धोखा और भी आसान हो गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके ‘डीपफ़ेक’ वीडियो और ऑडियो बनाना बहुत आसान हो गया है। इसका मतलब है कि कोई भी आपकी आवाज या चेहरे का उपयोग करके नकली वीडियो या ऑडियो बना सकता है। कुछ साइबर अपराधी ‘लव बॉम्बिंग’ नामक तकनीक का उपयोग करते हैं, जिसमें वे आपको बहुत जल्दी प्यार और ध्यान से भर देते हैं। यह आपको कमजोर बना सकता है और आपको उनके नियंत्रण में ला सकता है।
केटफिशिंग, जिसमें ऑनलाइन नकली पहचान बनाकर दूसरों को धोखा दिया जाता है, एक गंभीर समस्या है जो पीड़ितों को भावनात्मक और आर्थिक रूप से तबाह कर सकती है।
किसी की निजी जानकारी या तस्वीरों को उसकी अनुमति के बिना ऑनलाइन साझा करना गोपनीयता का उल्लंघन है। जब कोई व्यक्ति ऑनलाइन किसी दूसरे व्यक्ति का पीछा करता है, उसे परेशान करता है, या उसे धमकी देता है, तो यह साइबर स्टॉकिंग या उत्पीड़न माना जाता है। यह ईमेल, सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन माध्यमों से किया जा सकता है। साइबर लव के मामलों में, जब रिश्ते खराब हो जाते हैं, तो यह ऑनलाइन उत्पीड़न का कारण बन सकता है।
केटफिशिंग और साइबर अपराधों के ये रूप, जब अनियंत्रित हो जाते हैं, तो साइबर मर्डर की खतरनाक रेखा को पार कर सकते हैं। साइबर हत्या, एक उभरता हुआ मुद्दा है जो पारंपरिक आपराधिक कानूनों के दायरे में आता है।