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हर व्यक्ति के लिए गीता ही ‘एक सर्वोत्तम गाइड बुक’- डॉ. विजय अग्रवाल

न्यूज़ पुराण न्यूज़ पुराण
Updated Sun , 22 Feb

सार

यह बात लेखक डॉ. विजय अग्रवाल ने “गीता जयंती” पर आयोजित अपने व्याख्यान में कहीं है..!!

janmat

विस्तार

जब हम यह भूल जाते हैं कि ‘हम कौन हैं’, तब हम इस बात का सही फैसला कैसे कर सकेंगे कि ‘मुझे क्या करना चाहिए’. गीता में अर्जुन के संकट का मुख्य कारण अपनी योद्धा की पहचान को भूल जाना ही था. यह बात लेखक डॉ. विजय अग्रवाल ने “गीता जयंती” पर आयोजित अपने व्याख्यान में कहीं है.

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि गीता विश्व का पहला ऐसा ग्रन्थ है, जिसमें मानव जाति के मन की गहराई का विश्लेषण किया गया है. गीता का मानना है कि व्यक्ति के दुःख का मूल कारण जीवन और जगत के बारे में उसकी अज्ञानता का होना है. इनके सत्य को जानते ही इनसे उत्पन्न दुख समाप्त हो जाते हैं. व्यक्ति सही-सही निर्णय लेकर जीवन में उपलब्धियां पा सके, इसके लिए गीता ‘एक सर्वोत्तम गाइड बुक’ है.

अपने व्याख्यान में डॉ. विजय अग्रवाल ने बताया कि किस प्रकार गीता डिप्रेशन से ग्रसित लोगों के लिए रामबाण औषधि सिद्ध हो सकती है. जैसा कि गीता में निर्देश दिया गया है कि व्यक्ति को अपने स्वभाव और दूसरों के स्वभाव के अनुसार आचरण करना चाहिए. ऐसे में अवसाद की संभावना काफी कम हो जाती है.

आरंभ में डॉ. रश्मि झा ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि ये प्रतिभा वीथि कलाकारों की रचनात्मकता को उभारने का एक स्थल है. वहीं, अंत में डॉ. शिखा पाटीदार ने सभी का आभार भी व्यक्त किया.