• India
  • Mon , Feb , 24 , 2025
  • Last Update 11:31:AM
  • 29℃ Bhopal, India

जीवन : सरकार जागी, आप भी जागिए

राकेश दुबे राकेश दुबे
Updated Mon , 24 Feb

सार

बीते गुरुवार को शुरू हुई यह देशव्यापी मुहिम 31 मार्च तक चलेगी, स्वस्थ्य कार्यकर्ता,आशा वर्कर,एएनएम आदि घर-घर इस अभियान के लिये संपर्क करेंगे, लेकिन जिन तक संपर्क न हो पाए वे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर अपना डेटा राष्ट्रीय पोर्टल तक पहुंचा सकते हैं..!!

janmat

विस्तार

देर से ही सही देश की सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है कि देश में अस्सी प्रतिशत मौतों के लिये जिम्मेदार गैर संक्रामक रोगों के खिलाफ एक बड़ी मुहिम शुरू हुई  है। इसके अंतर्गत पूरे देश में तीस साल से अधिक उम्र वाले करीब नब्बे करोड़ लोगों की शुगर, बीपी और कैंसर की जांच होगी। 

बीते गुरुवार को शुरू हुई यह देशव्यापी मुहिम 31 मार्च तक चलेगी। स्वस्थ्य कार्यकर्ता,आशा वर्कर,एएनएम आदि घर-घर इस अभियान के लिये संपर्क करेंगे, लेकिन जिन तक संपर्क न हो पाए वे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर अपना डेटा राष्ट्रीय पोर्टल तक पहुंचा सकते हैं। सर्व विदित है किवर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार देश में तीस व उससे अधिक उम्र वालों की संख्या करीब 64 प्रतिशत है। जिन्हें इस अभियान के केंद्र में रखा गया है। हाल के वर्षों में देखा गया है कि देश में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

 विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर के अनुसार देश में गैर संक्रामक रोगों से मरने वालों का प्रतिशत कुल रोगों से मरने वालों में अस्सी प्रतिशत है। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012 से 2030 के बीच गैर संक्रामक रोगों से 305 लाख करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय की इस मुहिम का उद्देश्य है कि गैर संक्रामक रोगों व मुंह, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की स्थिति का पता लगाया जाए। जिससे समय रहते इन रोगों के नियंत्रण के लिये नीति तैयार की जा सके। उम्मीद की जा रही है कि इस अभियान के सिरे चढ़ने के बाद स्वास्थ्य सेवा की लागत कम की जा सकेगी। इस अभियान की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी और स्क्रीनिंग, उपचार व उसके फॉलोअप के आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के पोर्टल पर अपडेट किए जा सकेंगे।भारत में कैंसर व अन्य गैर संक्रामक रोगों का पता समय रहते नहीं चल पाता। जिसके कारण उपचार मिलने के बावजूद इनके नुकसान से बचा नहीं जा सकता है। निश्चित रूप से इस अभियान से लोगों में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आएगी।

हाल के वर्षों में खानपान व जीवन शैली में बदलाव से गैर संक्रामक रोगों की आधारभूमि तैयार हुई है। रोग का समय से पता न चल पाने के कारण जीवनभर इन रोगों का उपचार चलता रहता है। महंगी होती चिकित्सा प्रणाली के चलते तमाम परिवार गरीबी के दलदल में फंसकर रह जाते हैं। विडंबना यह है कि तंबाकू के सेवन से कैंसर के मामले बढ़े हैं। करीब 44 प्रतिशत पुरुष व करीब सात प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का सेवन करती हैं। वहीं पुरुषों में मोटापा 12 प्रतिशत से बढ़कर 18प्रतिशत  हुआ है तो महिलाओं में यह बारह प्रतिशत  से बढ़कर बीस प्रतिशत हुआ है। जिसका मूल कारण शारीरिक सक्रियता में कमी भी है। जिसमें 13 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। आंकड़े बताते हैं कि देश में गैर संक्रामक रोगों से होने वाली मौतों में 45 प्रतिशत भूमिका हृदय रोगों, स्ट्रोक व उच्च रक्तचाप की है। वहीं बाइस प्रतिशत मौतें सांस संबंधी बीमारियों के चलते होती हैं। वहीं दूसरी ओर बारह फीसदी मौतें कैंसर से व तीन प्रतिशत मौतें मधुमेह से होती हैं। 

अब देश के तीस साल से अधिक उम्र के नब्बे करोड़ लोगों का आंकड़ा जुटाना कठिन कार्य नहीं रहा है, कोरोना काल में देश ने वैक्सीनेशन अभियान के जरिये दुनिया में एक मिसाल कायम की है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आंकड़े जुटाने की मुहिम से देश मे स्वास्थ्य के प्रति चेतना जाग्रत होगी। लोग सेहत के प्रति जागरूक होंगे।