• India
  • Sat , Feb , 22 , 2025
  • Last Update 10:48:AM
  • 29℃ Bhopal, India

नया साल, पूरी सजगता के साथ 

राकेश दुबे राकेश दुबे
Updated Mon , 22 Feb

सार

एक बार फिर केरल में नये कोरोना वायरस जेएन.1 के सौ से अधिक मामले प्रकाश में आए हैं।

janmat

विस्तार

जाते हुए साल की बड़ी खबर है कि कोरोना के नये वायरस ने देश के कुछ राज्यों में दस्तक दे दी है सारे देश का चिंतित होना स्वाभाविक है। यह दुखद संयोग ही है कि एक बार फिर केरल में नये कोरोना वायरस जेएन.1 के सौ से अधिक मामले प्रकाश में आए हैं। कुछ मौतों की भी बात कही जा रही है। वहीं केरल सरकार का कहना है कि वहां चिकित्सा तंत्र सक्रिय व जवाबदेह है और सावधानी से जांच-पड़ताल में संक्रमण के मामले उजागर हुए हैं। एक जीनोम सीक्वेंसिंग से नये वायरस की पहचान हो सकी है। निस्संदेह, ऐसी सक्रियता व सजगता देश के हर राज्य में जरूरी है। 

पिछली कोरोना लहर में देश व विदेश में जहां संक्रमण की जांच में सतर्कता व तेजी बरती गई, वहां कोरोना के ज्यादा मामले प्रकाश में आए। जाहिर बात है जहां जांच के प्रति गंभीरता नहीं होती, वहां कोरोना संक्रमण के मामले भी कम दर्ज होते हैं। यह एक हकीकत है कि कोराना के विषाणु को सदा के लिये समाप्त नहीं किया जा सकता। उर्वरा परिस्थितियों में वह अपना रूप बदलकर सामने आ जाता है। ऐसे में यदि हम साफ-सफाई के साथ सावधानी से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे तो संक्रमण से सुरक्षित रह सकेंगे। विडंबना यह है कि लोगों ने मान लिया कि कोरोना वायरस सदा-सदा के लिये देश से चला गया। उसके बाद तमाम लापरवाही हम बरतने लगे हैं। दरअसल, 2019 में जब कोरोना वायरस पहली-पहली बार फैला था तो यही सर्दियों का मौसम था। आमतौर पर लोग वैसे भी इस मौसम परिवर्तन के दौरान सर्दी-जुकाम से पीड़ित होते हैं। यदि हम खानपान से लेकर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं तो अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। जो हमें वायरस से मुकाबले की ताकत देगी।

 हमें यहां यह नहीं भूलना चाहिए कि दो बड़ी कोरोना लहरों के दौरान देश ने बड़ी कीमत चुकाई। बड़ी संख्या में लोगों ने अपनों को खोया। लॉकडाउन के कारण रोजगार ठप हुए और लाखों लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा। विश्वास है कि हमें उस दु:स्वप्न को दोबारा नहीं देखना पड़ेगा। अच्छी बात है कि नये संक्रमण की दस्तक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सक्रियता दिखायी है। केंद्र ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी करके कोविड प्रोटोकॉल को गंभीरता से लेते हुए जरूरी कदम उठाने को कहा है। 

ताज़ा विडंबना है कि कई राज्यों में ऑक्सीजन प्लांट्स देखरेख के अभाव में ठप पड़े देखे जा रहे हैं। अब तक हमारे देश के तंत्र की लापरवाही के चलते आग लगने पर कुंआ खोदने की आदत अभी तक गई नहीं है। देश में स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस वायरस की घातकता को लेकर निश्चिंत हैं कि यह ज्यादा हानिकारक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद सतर्क व सावधान रहने की तो जरूरत तो है ही। वहीं दूसरी ओर देश की बड़ी आबादी को टीकाकरण के चलते सुरक्षा कवच मिला हुआ है। अब देखना यह है कि यह टीकाकरण नये वायरस के मामले में कितना कारगर होता है। यह भी कि क्या अभी तक टीकाकरण से मिली इम्युनिटी बरकरार है। 

देश में ज़िम्मेदार हमारी स्वास्थ्य सेवाओं के नियामकों को अतीत में हुए नुकसान से सबक लेते हुए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। आम लोगों को ज्यादा भीड़-भाड़ वाले इलाकों से परहेज करने तथा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। किसी तरह के लक्षण दिखायी देने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचित करके जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभानी चाहिए। ऐसे मामलों को छिपाने से संक्रमण के तेजी से प्रसार की आशंका लगातार बनी रहती है। राज्य सरकारों को सतर्क रहते हुए जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए और नागरिकों से बचाव के उपाय अपनाने का आग्रह करना चाहिए। निस्संदेह, परहेज व सावधानी से ही हमारा बचाव संभव है। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरस्त बनाने और अतीत के हादसों से सबक लेने की भी जरूरत है। उत्तम स्वास्थ्य राष्ट्र का धन है, इसे सर्वोपरि मानकर अपने कर्तव्य का पूरी सजगता से पालन कीजिए। 1 जनवरी 2024 से प्रारंभ हो रहा नव वर्ष सबके लिए शुभ हो।