दिल्ली के सीलमपुर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के लिए पहली रैली के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रणनीति को भाजपा जैसा बताया..!!
और दिल्ली में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का हिस्सा आम आदमी पार्टी एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला कर रही हैं, साफ़ है सत्ता की इस दौड़ में दोनों दलों के नेता एक-दूसरे की छिछालेदार करने में भी पीछे नहीं हैं। दिल्ली के सीलमपुर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के लिए पहली रैली के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रणनीति को भाजपा जैसा बताया।
क्षेत्रीय स्तर पर कांग्रेस नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलते रहे हैं, लेकिन यह पहला मौका था जब राहुल गांधी ने सीधे तौर पर अरविंद केजरीवाल पर वार किए। पिछले कई दिनों से दोनों ही राजनीतिक दल एक-दूसरे पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस और आप आपस में ही जब विरोधी की भूमिका निभा रही हैं, ऐसे में भाजपा को दोनों के खिलाफ ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
भाजपा दोनों ही दलों की चुटकियां लेकर गठबंधन की खिल्ली उड़ाने में लगी है। राहुल गांधी ने कहा कि केजरीवाल आए और कहा कि दिल्ली साफ कर दूंगा, भ्रष्टाचार मिटा दूंगा, पेरिस बना दूंगा। अब हालात ऐसे हैं कि भयानक प्रदूषण है। लोग बीमार रहते हैं। लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जैसे मोदी जी झूठे वादे और प्रचार करते हैं, वैसे ही झूठे वादे केजरीवाल करते हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों में कोई फर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मैं जातिगत जनगणना की बात करता हूं, तो नरेंद्र मोदी और केजरीवाल के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता।
ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों चाहते हैं कि देश में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को भागीदारी नहीं मिले। राहुल गांधी के बयान पर आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी पलटवार किया और कहा कि राहुल गांधी ने उन्हें गाली दी। केजरीवाल ने यह भी कहा है कि उन्होंने राहुल गांधी पर एक लाइन बोली, लेकिन जवाब भाजपा वालों की ओर से आ रहा है। करीब सात महीने पहले ही दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव एक ही गठबंधन में रहकर लड़ी थीं, हालांकि उसके बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव दोनों अलग-अलग लड़े, लेकिन शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर ऐसे जुबानी हमले पहले सुनाई नहीं पड़े थे।
केजरीवाल ने कहा कि क्या बात है…मैंने राहुल गांधी पर एक ही लाइन बोली और जवाब भाजपा वालों से आ रहा है। भाजपा को देखिए कितनी तकलीफ हो रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस की देश से सत्ता समटेने में जो भूमिका भाजपा ने निभाई है, उसमें आप पार्टी का योगदान भी कम नहीं है। हाल ही में हुए कुछ राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद आप को एहसास हो गया कि किसी भी तरह का गठबंधन करने से उसे नुकसान ही होगा। दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस पार्टी पिछले दो विधानसभा चुनावों में अपना खाता तक नहीं खोल पाई।
कांग्रेस भरसक कोशिश कर रही है कि किसी भी तरह सत्ता वापस मिल जाए, हालांकि आप और भाजपा की दमदार मौजूदगी में इसकी संभावना कम नजर आती है। कांग्रेस दिल्ली में अपने शीर्ष पर थी, तब उसके पास 40 प्रतिशत तक का वोट शेयर था। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सिर्फ 4.26 प्रतिशत ही वोट हासिल कर सकी। इससे पहले साल 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 9.7 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। कांग्रेस 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।