जिन ब्रांच में बहुत कम प्रवेश उन्हे सरेंडर कर ले सकेंगे इमर्जिंग एरिया की ब्रांच की मंजूरी, एआईसीटीई की इंजीनियरिंग कॉलेजों को राहत


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स्टोरी हाइलाइट्स

प्रदेश में नये कॉलेज और नये ब्रांच को खोलने पर रोक के बीच एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कॉलेजों को राहत दी है..!

भोपाल,

इमर्जिंग एरिया की करीब डेढ दर्जन ब्रांच में प्रवेश करने के लिए एआईसीटीई ने एक फार्मूला तैयार किया है। इससे सीटों में बढ़ोतरी भी नहीं होगी और कॉलेजों को नये ब्रांच भी मिल जाएंगे। एआईसीटीई ने आदेश जारी किया है कॉलेजों की सीटों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी और उन्हें नये ब्रांच को खोलने की स्वीकृति भी प्रदान नहीं की जाएगी, लेकिन कॉलेज ऐसे ब्रांच को सरेंडर कर सकते हैं, जिनमें बहुत कम प्रवेश हो रहे हैं। उनकी एवज में एन्हें इमर्जिंग एरिया की ब्रांच की मंजूरी दी जाएगी। एआईसीटीई ने इजिंग एरिया की ब्रांच की मंजूरी देकर ऑफलाइन निरीक्षण कराएगा। निरीक्षण की फाइनल रिपोर्ट के बाद एआईसीटीई उन्हें नये ब्रांच की सीटों पर प्रवेश कराने मंजूरी देगा।

तीन प्रदेश शामिल 

कॉलेज अधिक 

एआईसीटीई मध्यक्षेत्र में गुजरात, छत्तीसगढ़ और मप्र शामिल हैं। तीनों राज्यों से बड़ी संख्या में कॉलेज हैं। वह अपनी पुरानी ब्रांच सरेंडर कर इमर्जिंग एरिया की ब्रांच की लेने के लिये आवेदन कर पाएंगे। मप्र में करीब 150 कॉलेज हैं। इसमें सिर्फ कॉलेजों की ब्रांच बदलेंगी, लेकिन सीटों में ज्यादा इजाफा नहीं हो सकेगा।

इमर्जिंग एरिया के तहत यह हैं ब्रांच 

इमर्जिंग एरिया इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिजनेस एनालिटिक्स, लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट, इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप एंड वेंचर डेवलपमेंट, डाटा साइंस, रोबोटिक्स, बाल्क चौन और साइबर सिक्योरिटी सहित अन्य ब्रांच भी हैं।

ऑफलाइन होगा निरीक्षण 

एआईसीटीई ने दो साल के कोरोना काल में एक भी ऑफलाइन इंस्पेक्शन में नहीं कराया है। अब कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो गया है, जिसके चलते नये ब्रांच मिलने के कारण एआईसीटीई ऑफलाइन इंस्पेक्शन करा सकता है।

इमर्जिंग एरिया की ब्रांचों में प्रवेश के लिए फार्मूला तैयार