Bihar Assembly Budget Session: बिहार विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन बुधवार 5 मार्च को भी विपक्ष ने अपना सख्त रुख बरकरार रखा और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा में बजट को लेकर सियासत जारी है। कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्षी सदस्यों ने हाथों में तख्तियां, पोस्टर और झुनझुना लेकर नारे लगाने शुरू कर दिए और सरकार के ख़िलाफ़ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
विपक्ष इसे जनता के साथ धोखा करार देने में लगा है। बुधवार 5 मार्च को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा पोर्टिको में सभी विपक्षी सदस्य झुनझुना लेकर पहुंचे और प्रदर्शन किया। साथ ही सीएम नीतीश कुमार पर जनता को बजट के नाम पर लॉलीपॉप देने का भी आरोप विपक्ष ने लगाया।
विपक्षी सदस्य रसोईया आशा कार्यकर्ता की मानदेय बढ़ाने की भी मांग कर रहे थे और यह भी कर रहे थे कि बजट में बिहार के लोगों के लिए कुछ नहीं है। आरजेडी के विधायक विजय मंडल ने कहा सरकार ने बजट में बिहार के लोगों को झुनझुना थमा दिया है इसलिए हम लोग झुनझुना लेकर आए।
विपक्षी सदस्यों ने बीपीएससी 70वीं पीटी की पुनर्परीक्षा और युवाओं को रोजगार मुहैया कराने को लेकर प्रदर्शन किया। आरजेडी विधायक रणविजय साहू ने विधानसभा में हंगामा करते हुए कहा कि सरकार ने युवाओं को सिर्फ नौकरी दी है, जबकि तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनेगी तो युवाओं को नौकरी मिलेगी।
राजद विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि बिहार में स्थिति खराब है। बिहार के युवाओं को नौकरी मिले, महिलाओं को सम्मान मिले। हर महीने उनके बैंक खाते में 2,500 रुपये जमा किये जाने चाहिए।
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने बयान देते हुए कहा कि कुछ अस्पतालों की हालत ठीक नहीं है, हम इलाज के लिए बाहर भी जाते हैं। भागलपुर में एक मेडिकल कॉलेज और एक अस्पताल भी है। लेकिन, वहां कोई सुविधा नहीं है। वहां डॉक्टर नहीं हैं और डॉक्टरों को पदोन्नति नहीं मिल रही है। जब तक डॉक्टर नहीं होगा तब तक कुछ नहीं होगा।
प्रधानमंत्री अभी भागलपुर आये थे, लेकिन उन्होंने पीएम सम्मान योजना की बात की। बजट में पुरानी चीजों को भी शामिल रखा गया है। आगामी चुनाव में एनडीए की सरकार नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि अगर हमारी महागठबंधन की सरकार बनी तो हम विकास लाएंगे।
कांग्रेस विधायक राजेश राम ने कहा कि बीपीएससी जिस तरह से बच्चों के साथ अन्याय कर रही है, हम उसके खिलाफ खड़े हैं। 12 से 18 घंटे पढ़ाई करने वाले बच्चे सरकार से संतुष्ट नहीं हैं। अगर वे विरोध कर रहे हैं तो उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। बच्चों से संवाद करना सरकार की जिम्मेदारी है। इससे पहले मंगलवार 4 मार्च को सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच जमकर हाथापाई भी हुई थी।