मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार 10 मार्च से शुरू हो रहा है। ये सत्र 24 मार्च तक चलेगा। सत्र शुरु होने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश विधानसभा में अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यपाल मंगुभाई पटेल का पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत अभिवादन किया।
बजट सत्र की कार्यवाही में भाग लेने आए भाजपा विधायक अभिलाष पांडे हाथ में गंगाजल लेकर पहुंचे। यहां वह विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को गंगाजल भेंट करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कांग्रेसजन मांगेंगे तो वह उन्हें भी गंगाजलभेंट करेंगे।
तो वहीं विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत, में कांग्रेस ने सरकार को घेरने की तगड़ी तैयारी कर ली है। सबसे पहले सदन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल का अभिभाषण हुआ। 12 मार्च का मध्य प्रदेश सरकार राज्य का बजट पेश करेगी। 24 मार्च तक चलने वाले विधानसभा के सत्र में कुल 9 बैठकें होंगी। वहीं, इस बार कांग्रेस सदन में जमकर हंगामा करने की तैयारी में है। इसकी शुरुआत आज विधानसभा के पहले दिन किसान कांग्रेस ने विधानसभा घेराव करके दी है।
किसान कांग्रेस ने किसानों के मुद्दों और विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा किए गए वादों को लेकर आज भोपाल में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंह सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। कांग्रेस का आरोप है कि मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार को सत्ता में आए एक साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन उसने विधानसभा चुनाव में किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं किए हैं।
इसलिए किसान कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा में किसानों के हक की लड़ाई लड़ी जा रही है, ताकि भाजपा सरकार को उसके वादे याद दिलाए जा सकें। आपको बता दें कि इस दौरान कांग्रेस नेता न सिर्फ काली टोपी पहनकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, बल्कि सदन की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया।
इस 15 दिवसीय सत्र में 5 दिन का अवकाश रहेगा। सत्र के दौरान 12 मार्च को राज्य का बजट पेश किया जाएगा, जो 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है। इस सत्र के लिए विधायकों द्वारा कुल 2939 प्रश्न पंजीकृत किए गए हैं, जिनमें से 1785 प्रश्न ऑनलाइन तथा 1154 ऑफलाइन भेजे गए हैं।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। कांग्रेस किसानों की समस्याओं, परिवहन घोटाले और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। सत्र के दौरान इन मुद्दों पर गरमागरम बहस और हंगामे हो सकता है।
राज्य की आर्थिक दिशा और नीतियां तय करने के लिहाज से यह सत्र काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सबकी निगाहें 12 मार्च को पेश होने वाले बजट पर टिकी हैं, जिसमें सरकार की प्राथमिकताओं और विकास योजनाओं की घोषणा की जाएगी।