भोपाल: राज्य के कुल 55 जिलों में से 6 जिलों गुना, बैतूल, नर्मदापुरम, मैहर, जबलपुर एवं उज्जैन में आदिवासियों की भूमि गैर आदिवासियों को नियम विरुध्द बेचने के प्रकरण सामने आये हैं। दरअसल अधिसूचित क्षेत्रों भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 में आदिवासियों की भूमि सक्षम अनुमति के बाद ही बेचने के प्रावधान है।
प्राप्त अधिकृत जानकारी के अनुसार, गुना जिले में एक प्रकरण आया है जिसमें कलेक्टर साक्ष्य सुनवाई उपरान्त प्रकरण का निराकरण करेंगे। बैतूल जिले की तहसील घोड़ाडोंगरी के ग्राम बगडोना के खसरा नंबर 64/1 रकबा 0.405 हैक्टेयर भूमि जोकि प्रताप पुत्र करतू गौंड के नाम दर्ज थी, का अवैध विक्रय किया गया।
इस भूमि का क्रेता जनचेतना मंच भोपाल के उपाध्यक्ष भगतराम पुत्र जगराम मरकाम के नाम 25 जून 2020 के नाम नामांतरण किया गया जिसे जिला प्रशासन ने निरस्त कर उक्त भूमि वापस पूर्व भू-स्वामी प्रताप गौंड के नाम दर्ज कर दी है। इसी प्रकार, नर्मदापुरम जिले की तहसील सिवनी मालवा के ग्राम सीरुपुरा के अनुसूचित जनजाति वर्ग के 2 भूमि स्वामियों की भूमि खसरा नंबर 12 रकबा 4.465 हैक्टेयर तथा खसरा नंबर 38/2 सकबा 3.400 हैक्टेयर का 3 गैर आदिवासी व्यक्तियों के पक्ष में कूट रचित विक्रय किया गया जिस पर पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई है।
नवगठित जिला मैहर अंतर्गत ऐसे 12 प्रकरण विचाराधीन थे जिनमें से एक प्रकरण पर निर्णय हो गया है और शेष 11 प्रकरण लंबित हैं। जबलपुर जिले में ऐसे 13 प्रकरणों की जांच लोकायुक्त द्वारा अपराध क्रमांक 55/23 के तहत की जा रही है। उज्जैन जिले में तहसील बडऩगर के ग्राम मौलाना में भंवर सिंह पुत्र भूलाजी जाति भील की भूमि खसरा नंबर 3/1/2, 23 रकबा 0.44, 5.09 हैक्टैयर कुल रकबा 5.53 हैक्टैयर जगदीश एवं नारायण सिंह के नाम बिना अनुमति के अंतरित हुई जिस पर इसकी रजिस्ट्री निरस्त कर दी गई है।