22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान को तेज कर दिया है। हमले को लेकर बुधवार 30 अप्रैल की सुबह 11 बजे CCS की बैठक होने जा रही है। पहलगाम हमले के बाद ये CCS की दूसरी बैठक है। भारत ने अब इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया है। खुद को सीमा पार आतंकवाद का शिकार बताते हुए भारत ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के कबूलनामे को उजागर किया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत योजना पटेल ने कहा कि उनका कबूलनामा आश्चर्यजनक नहीं है और इसने पाकिस्तान को एक दुष्ट राज्य के रूप में उजागर कर दिया है जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है। राजदूत पटेल ने कहा कि दुनिया अब और आंखें नहीं मूंद सकती। 28-29 अप्रैल की रात को पाकिस्तानी सैनिकों ने लगातार पांचवीं रात जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।
28-29 अप्रैल की मध्यरात्रि को, पाकिस्तानी सेना ने कुपवाड़ा और बारामुल्ला जिलों के साथ-साथ अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना ने संयम से जवाब दिया। गोलीबारी कुपवाड़ा और बारामुल्ला जिलों के साथ-साथ अखनूर सेक्टर में भी हुई।
पहलगाम आतंकी हमले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "पहलगाम की घटना के बाद सरकार ने कई कदम उठाए हैं। देश और दुनिया इस आतंकी घटना की निंदा कर रही है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।" जिप लाइन ऑपरेटर की भूमिका की जांच कर रही एनआईए गोलीबारी शुरू होने पर अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाने वाले जिप लाइन ऑपरेटर की भूमिका की जांच कर रही है।
पहलगाम आतंकी हमले के दौरान जिपलाइन ऑपरेटर द्वारा "अल्लाहु अकबर" का नारा लगाए जाने वाले वीडियो के बारे में पीडीपी प्रवक्ता मोहम्मद इकबाल ट्रंबो ने कहा, "वे हमारी संस्कृति के बारे में कुछ नहीं जानते। जब भी कोई विपत्ति आती है, तो हर कश्मीरी अल्लाहु अकबर कहता है। किसी भी घटना के समय हम अल्लाह को याद करते हैं। नाकामी छिपाने के लिए सब कुछ किया जा रहा है। पुलिस और सुरक्षा को अपना सिस्टम बदलना होगा। इसका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है और आम कश्मीरी हमेशा बिस्मिल्लाह, अल्लाहु अकबर चिल्लाएगा। उन्हें हर चीज के बारे में गलत जानकारी दी गई है।"