AFSPA Act: केंद्र ने अरुणाचल-नागालैंड में AFSPA छह महीने के लिए बढ़ाया, जानिए क्या है ये कानून?


स्टोरी हाइलाइट्स

AFSPA Act: अफस्पा एक्ट को लंबे समय से हटाने की मांग की जाती रही है. हालांकि, सुरक्षा कारणों की वजह से आज भी पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में इसे लागू किया गया है..!!

AFSPA Act: अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में 'आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पावर्स) एक्ट' (AFSPA) की अवधि आने वाले एक अक्टूबर से अगले छह महीने तक के लिए बढ़ा दी गई है. AFSPA एक ऐसा कानून है जो सेना और अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को बिना किसी पूर्व सूचना या वारंट के कहीं भी छापेमारी से लेकर अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने की अनुमति देता है.

हाल ही में इस एक्ट के चर्चा में रहने का मुख्य कारण यह है कि नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में AFSPA एक्ट को 1 अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. यह अधिनियम अशांत क्षेत्रों में 'कानून और व्यवस्था बनाए रखने' के लिए लागू किया जाता है.

गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन-

इस संबंध में गृह मंत्रालय की तरफ से एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. उसी के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई है. इसलिए अब अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को अफस्पा, 1958 के तहत एक अक्टूबर 2023 से अगले छह महीने के लिए, या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया जाता है.'

कानून व्यवस्था पर दोबारा किया गया विचार-

वहीं, नागालैंड में भी कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई. मंत्रालय के अनुसार, अब नागालैंड के दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों के अलावा उन इलाकों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा-3 के तहत छह महीने की अवधि के लिए, या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया जाता है.