पीसीसीएफ डॉ. दिलीप कुमार के विरुद्ध रिटायरमेंट के पहले आरोप-पत्र जारी


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स्टोरी हाइलाइट्स

डॉ. कुमार ने विधानसभा में दी गई जानकारी के बाद अपने बचाव में शासन को एक अर्ध शासकीय पत्र लिखकर गलत जानकारी देने की बात कही थी..!!

भोपाल: भोपाल स्थित वन मुख्यालय में संरक्षण शाखा के पीसीसीएफ डॉ. दिलीप कुमार के खिलाफ वन विभाग ने आरोप-पत्र जारी कर दिया है। हालांकि डॉ. कुमार ने विधानसभा में दी गई जानकारी के बाद अपने बचाव में शासन को एक अर्ध शासकीय पत्र लिखकर गलत जानकारी देने की बात कही थी।

डॉ. कुमार के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने की मंजूरी सीएम मोहन यादव ने दी है। यह मंजूरी 31 जुलाई से मिलने के पहले से आरोप-पत्र जारी हुआ है इसलिये अब दिलीप कुमार की ग्रेच्युटी रोक दी जायेगी। यदि आरोप-पत्र 31 जुलाई तक मंजूरी नहीं होता तो इस तिथि पर दिलीप कुमार रिटायर हो जाते और तब उक्त तिथि के बाद इस आरोप-पत्र को जारी करने के लिये कैबिनेट की मंजूरी लेनी पड़ती। 

उल्लेखनीय है कि दिलीप कुमार वर्ष 2022-23 में राज्य लघु वनोपज संघ में अतिरिक्त प्रबंध संचालक थे और उन्होंने बिना राज्य शासन से अनुमति लिए 22 लाख 1 हजार 443 रुपये के व्यय से तीन किताबें प्रकाशित कराई थी जिसका कॉपीराइट भी उन्होंने अपने नाम से रखा था जबकि शासकीय व्यय से प्रकाशित किताब का कॉपीराइट शासन के पास ही रहता है न कि अधिकारी के व्यक्तिगत नाम से। 

इन तीन किताबों के निजी एजेंसी से प्रकाशन में जो तीन अनुबंध हुए थे उनमें भी कॉपीराइट दिलीप कुमार ने अपने व्यक्तिगत नाम से करने का ही उल्लेख किया था। यह मामला विधायक नारायण सिंह पट्टा ने प्रश्न के माध्यम से 5 जुलाई को विधानसभा में भी उठाया था जिसमें राज्य शासन ने जवाब दिया था कि बिना अनुमति के किताबों के प्रकाशन के मामले में दिलीप कुमार पर कार्यवाही परीक्षण में है। अब मंत्रालय स्थित वन विभाग ने दिलीप कुमार को दोषी पाते हुये आरोप-पत्र जारी कर दिया है।