भोपाल: मध्य प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से जनता के कल्याण और सुविधाओं को देने का कार्य किया जाता है लेकिन लंबे समय से मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को खुद हेल्प की आवश्यकता नजर आ रही है.. राज्य के मुख्यमंत्री का सचिवालय प्रशासनिक दक्षता के साथ काम नहीं कर पा रहा है इसके चलते सीएम हेल्पलाइन में अंत्येष्टि के मामलों में भी हितग्राही को लाभ नहीं पहुंच पा रहा है... राज्य के संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की भावनाओं के विपरीत सचिवालय और सीएम हेल्पलाइन से काम होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
संबल योजना में 5 हजार रुपये की अंत्येष्टि सहायता राशि न मिलने पर जब हितग्राही सीएम हेल्प लाईन में शिकायत करते हैं, तो वहां से भी उन्हें यह राशि नहीं मिल पाती है। प्रदेश के 42 जिलों में कुल 131 शिकायतें लेवल वन में, 7 शिकायतें लेवल टु पर, 6 शिकायतें लेवल थ्री पर तथा 9 शिकायतें लेवल फोर पर लंबित हैं तथा इस प्रकार कुल 153 शिकायतें सीएम हेल्प लाईन में लंबित हैं।
राज्य के सामाजिक न्याय आयुक्त डा. रामराव भोंसले ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा कि सीएम हेल्पलाईन में अंत्येष्टि सहायता न मिलने की शिकायतें प्राप्त होना अंत्यंत खेदजनक एवं आपत्तिजनक है।
शिकायतें प्राप्त होने पर उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग में हस्तांतरित कर दिया जाता है जिससे समय पर शिकायत का निराकरण नहीं हो पाता है। जबकि निराकरण अधिकारी लेवल वन पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी ही हैं। इसलिये ये अधिकारी अंत्येष्टि सहायता न मिलने की शिकायत पर पात्रता का परीक्षण उसका शीघ्र निराकरण करें ताकि शिकायतें अनावश्यक रुप से लंबित न रहें।