मंदिरों एवं धर्म स्थलों में CM मोहन के समुचित प्रबंधन के निर्देश


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स्टोरी हाइलाइट्स

जिला प्रशासन को राज्य के सभी मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों के समुचित प्रबंधन के लिए सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए..!!

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आगामी नवरात्रि एवं दशहरा उत्सवों को धार्मिक भावनाओं एवं परम्पराओं के अनुरूप आयोजित करने की समुचित व्यवस्था की जाये। जिला प्रशासन को राज्य के सभी मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों के समुचित प्रबंधन के लिए सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि इस साल का दशहरा और भी शुभ होगा क्योंकि अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर की स्थापना के बाद यह पहला दशहरा है। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि श्राद्धपक्ष की समाप्ति के बाद 3 अक्टूबर से नवरात्रि पर्व प्रारंभ होने जा रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार और हमारी सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यों के साथ, हम नवरात्रि का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाएंगे।

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि इन त्योहारों के आयोजन से आम लोगों की बुनियादी धार्मिक भावनाएँ आहत न हों। शक्ति स्वरूपा देवी हमें आशीर्वाद दें कि सभी लोग अच्छे कर्म करें और अच्छे रास्ते पर चलें। राज्य सरकार द्वारा देवीलोक में विभिन्न निर्माण कार्य चल रहे हैं। साथ ही निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। 

धर्मस्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने कहा कि हिंदू परंपरा के अनुसार सितंबर माह से त्रैमासिक धार्मिक उत्सव शुरू हो जायेंगे। गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा और दिवाली और क्रिसमस जैसे त्योहारों के क्रमिक आगमन के साथ, राज्य में धार्मिक और उत्सव का माहौल शुरू हो जाता है।

सीएम डॉ. यादव ने मैहर में शारदा मां, दतिया में पीतांबरा पीठ, नलखेड़ा में बगलामुखी माता, उज्जैन में हरसिद्धि माता, विदिशा में चेतनपुर में माताजी सहित अन्य धार्मिक स्थलों के परिक्रमा स्थल और सड़कों की मरम्मत का काम तुरंत पूरा करने के निर्देश दिए।

पुलिस विभाग के साथ मार्ग पर बिजली, पेयजल और सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था कर उसे पूरा करें। धार्मिक स्थलों और उसके आसपास किसी भी प्रकार के असामाजिक तत्वों या उनकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष नवरात्रि पर्व को समुचित प्रबंधन के माध्यम से धूमधाम एवं भाईचारे की भावना के साथ मनाया जाए। हमारी प्राचीन और सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार हर अवसर को शांति और सद्भाव के साथ मनाया जाएगा।