परिवहन घोटाले को लेकर कांग्रेस ने EOW में शिकायत दर्ज कराई। मध्य प्रदेश परिवहन घोटाले को लेकर कांग्रेस विधायक दल शिकायत दर्ज कराने ईओडब्ल्यू ऑफिस पहुंचा। इस दौरान उमंग सिंघार और जयवर्धन सिंह समेत कई विधायक मौजूद रहे। इससे पहले कांग्रेस ने इस मामले से जुड़े दस्तावेज लोकायुक्त के सामने पेश किए थे।
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा कि परिवहन बजट 150-200 करोड़ रुपए का है और घोटाला हजारों करोड़ रुपए का है। सरकार को बताना चाहिए कि इस मामले में बड़े मगरमच्छों के खिलाफ कब कार्रवाई होगी। कांग्रेस विधायकों ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने की मांग की है।
एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए सिंघार ने लिखा है, कि परिवहन घोटाले के बड़े मगरमच्छ कब आएंगे पकड़ में? छोटी-छोटी मछलियों को पकड़ा जाता है, लेकिन हजारों-करोड़ों का घोटाला करने वाले बड़े-बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी? इसी कड़ी में कल लोकायुक्त से और आज EOW महानिदेशक से भेंट कर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। प्रधानमंत्री जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन एजेंसियां यह पता नहीं लगा पा रही हैं कि सोने की ईंट किसकी है। सरकारी एजेंसियों पर दबाव बनाया जा रहा है। यदि एजेंसियों पर कोई दबाव नहीं है, तो सभी के नामों का खुलासा किया जाए। पूरी कांग्रेस पार्टी जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाती रहेगी।
भोपाल में कांग्रेस पार्टी के विधायक प्रतिनिधिमंडल के साथ EOW महानिदेशक से भेंट कर परिवहन घोटाले से जुड़े दस्तावेज EOW महानिदेशक को सौंपे। भाजपा के बड़े नेताओं ने कई बड़े पदों पर रहते हुए भ्रष्टाचार कर अपने स्वयं एवं पत्नि तथा पुत्रों, रिश्तेदारो एवं अन्य लोगों के नाम से सैकडों एकड़ जमीनों की अवैध लेनदेन कर खरीदी की है। इस बेनामी अवैध संव्यवहार की जाँच किये जाने एवं सम्पत्ति अटैच करने की मांग को लेकर से EOW महानिदेशक मुलाकात कर उनसे जांच की मांग की ताकि प्रदेश की आम जनता की मेहनत की कमाई के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सके।
इससे पहले सोमवार 17 मार्च को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंह और कांग्रेस विधायकों ने लोकायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा था। कहा गया कि मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने लोक सेवक के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार किया है और अवैध लेन-देन के जरिए अपने, अपनी पत्नी, बेटों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों के नाम पर सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी है और अवैध बेनामी लेनदेन की जांच करने और संपत्ति जब्त करने की मांग की।