86th CRPF Day Parade: 'कहीं आतंकी हमला, कहीं नक्सली वारदात, कहीं आगजनी, तो कहीं बारिश सी बरसती गोलियां..।' केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force) के जवान मुस्तैदी से हर तरह की परिस्थिति का मुकाबला करते हैं। इतना ही नहीं, सीआरपीएफ ने ये भी बता दिया कि देश को नक्सलियों से मुक्त करने की उनकी तैयारी कितनी जोरदार है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का 86वां स्थापना दिवस 17 अप्रैल को मध्य प्रदेश के नीमच में मनाया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इस विशेष अवसर के लिए विशेष व्यवस्था की है। कार्यक्रम के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। वहीं, नीमच स्थित CRPF ग्रुप सेंटर में CRPF स्थापना दिवस परेड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। शाह बुधवार देर रात नीमच पहुंचे।
CRPF स्थापना दिवस हर साल 19 मार्च को मनाया जाता है। 1950 में इसी दिन तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने बल को ध्वज प्रदान किया था। इस वर्ष, विस्तारित उत्सव के एक भाग के रूप में परेड 17 अप्रैल को आयोजित की जा रही है। नीमच शहर को CRPF का जन्मस्थान कहा जाता है।
ब्रिटिश शासन के दौरान 27 जुलाई 1939 को 'क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस' की स्थापना की गई थी, जिसे आजादी के बाद 28 दिसंबर 1949 को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने नाम बदलकर "केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)" कर दिया था।
CRPF ने रियासतों के एकीकरण से लेकर आंतरिक सुरक्षा, उग्रवाद-आतंकवाद विरोधी अभियानों, अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापना, वीआईपी सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे कई मोर्चों पर सशक्त भूमिका निभाई है। आज यह विश्व का सबसे बड़ा और सर्वोत्तम सुसज्जित अर्धसैनिक बल है।
समारोह में CRPF की आठ टुकड़ियों ने परेड की। इस अवसर पर गृह मंत्री वीरता पदक के लिए चयनित CRPF कर्मियों को वीरता पदक प्रदान किए। कोबरा, आरएएफ, वैली, क्यूएटी और डॉग स्क्वायड जैसी इकाइयों द्वारा विशेष प्रदर्शन किए गए। गृह मंत्री शाह ने शहीद स्थल पर बल के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। गृह मंत्री शाह ने शहीदों के परिजनों, परेड कमांडरों और सैनिकों से भी बातचीत की।
उनके करतब देख लोग चौंक गए। आग के गोलों से निकलते और ऊंची से ऊंची चढ़ाई चढ़ते सीआरपीएफ के डॉग स्क्वैड को देखकर लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं। मौका था नीमच जिले के सीआरपीएएफ परेड ग्राउंड में 17 अप्रैल को आयोजित 86वीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल दिवस परेड का।
परेड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने यहां फिर इस बात को दोहराया कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में बिना बूथ लुटे, बिना गोली चले विधानसभा चुनाव कराना सीआरपीएफ की बड़ी उपलब्धि है। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और जवानों को पदक भी वितरित किए। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। उन्होंने कहा कि आज शानदार परेड हुई है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए सीआरपीएफ के जवानों और उनके परिवारों को बहुत सम्मान के साथ प्रमाण कर मैं बात की शुरुआत करना चाहता हूं। आज यहां आने से पहले सीआरपीएफ की स्थापना से अब तक 2264 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान अलग-अलग मोर्चे पर देश की सुरक्षा के लिए दिया है। मैं उन सभी को सलामी देकर यहां आया हूं। सभी 2264 शहीदों के परिवारजनों को मैं कहना चाहता हूं कि आज देश 2047 तक सर्वोच्च स्थान पर बैठने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उसमें आपके परिजनों के बलिदान का बहुत बड़ा योगदान है।
शहीदों की वीर गाथा स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाएगी
गृह मंत्री शाह ने कहा कि जब भी देश की आजादी की शताब्दी का स्वर्ण ग्रंथ लिखा जाएगा, सबसे पहले इन अमर शहीदों की वीरता की गाथा स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाएगी। इसका मुझे पूरा विश्वास है। सीआरपीएफ ने हमेशा देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब भी देश में कहीं अशांति होती है और गृह मंत्री होने के नाते मुझे पता चलता है कि सीआरपीएफ का जवान वहां मौजूद है, तो मैं निश्चिंत होकर अपना बाकी काम करता हूं।
क्योंकि, मुझे भरोसा है कि सीआरपीएफ है, तो उसके जवान की विजय सुनिश्चित है। दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद साल 2019 में हमने निर्णय किया कि सभी सीआरपीएफ का स्थापना दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाएगा। उसी के तहत आज वार्षिक परेड नीमच के अंदर मनाई जा रही है। और, आज यहां पर सीआरपीएफ के कई जवानों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अलग-अलग प्रकार के अलंकरणों से नवाजा गया है। मैं उन सभी को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं।
हर जगह मुस्तैदी से तैनात हैं जवान
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ का योगदान देश की सुरक्षा से अलग हटकर कोई देख ही नहीं सकता। चाहे कश्मीर की वादियों में आतंकवाद फैलाने वाले, नापाक इरादे रखने वाले आतंकियों के सामने जूझना हो, चाहे पूर्वोत्तर में शांति स्थापना करनी हो, सीआरपीएफ जवान हर वक्त मुस्तैदी से तैनात है। सीआरपीएफ के जवानों ने दुर्दांत नक्सलियों को चार जिलों तक समेट कर रख दिया है। इन सारे कारनामों में हमारे सीआरपीएफ के जवानों का बहुत बड़ा योगदान है। ढेर सारी पुस्तकें भी इनकी वीरता, इनकी कर्तव्यपरायणता, इनके हौंसले और देशभक्ति की गाथा नहीं लिख सकती। 1939 में सीआरपीएफ का गठन ग्राउंड रिप्रजेंटेटिव पुलिस के नाम से हुआ था।
मैं आज इस मंच से सीआरपीएफ के हर जवान को ये कहना चाहता हूं कि कभी भी ये मत भूलना कि आपके नए स्वरूप सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की स्थापना और उसका ध्वज देने का काम महान सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने न केवल सीआरपीएफ की स्थापना की, ध्वज दिया, बल्कि उसके चार्टर को भी बखूबी चिन्हित किया।
2019 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद यह निर्णय लिया गया कि सीआरपीएफ का स्थापना दिवस देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाएगा।
शाह ने परेड के बाद गृह मंत्री सैनिक सम्मेलन (दरबार) में भाग लिया, जहां बल के जवानों ने अपनी समस्याएं और सुझाव साझा किए। इसके बाद वह अन्य कार्यक्रमों में भी उपस्थित रहेंगे। अमित शाह दोपहर में माउंट आबू के लिए रवाना होंगे।