भोपाल: प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित पचमढ़ी की हवाई पट्टी का विकास एनजीटी के केस के कारण रुका पड़ा हुआ है। दरअसल इस हवाई पट्टी को केंद्र सरकार के नागरिक विमानन मंत्रालय ने रीजनल कनेक्टेविटी स्कीम में शामिल किया हुआ है और निजी विमानन सेवा कंपनियां यहां पर अपने विमान चलाना भी चाहती हैं, परन्तु सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और सेना का केन्टोनमेंट एरिया होने के कारण एनजीटी में इसका प्रकरण चल रहा है जिसमें सुनवाई जारी है।
इस मामले में वन विभाग एनजीटी में जवाब दे चुका है कि उक्त हवाई पट्टी राजस्व भूमि है जबकि विमानन विभाग ने कहा है कि वह संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार हवाई पट्टी के विकास की धनराशि उपलब्ध कराता है। एनजीटी के केस के कारण अभी विमानन विभाग ने यह धनराशि रोक रखी है।
मटकुली भी विकल्प रखा है :
पचमढ़ी प्राकृतिक रुप से सुरम्य स्थल है तथा यहां देश-विदेश से काफी संख्या में पूरे वर्ष पर्यटक आते-जाते हैं। पचमढ़ी की हवाई पट्टी का एनजीटी केस देखते हुये राज्य शासन ने मटकुली में हवाई पट्टी बनाने का विकल्प भी सोचा हुआ है क्योंकि यहां काफी राजस्व भूमि है। नर्मदापुरम कलेक्टर को मटकुली में हवाई पट्टी के लिये स्थल की जानकारी देने के लिये कहा जा चुका है।
मटकुली से पचमढ़ी करीब 28 किमी दूर है तथा पर्यटकों को पचमढ़ी जाने के लिये मटकुली आना ही पड़ता है। मटकुली से तामिया एवं छिन्दवाड़ा के पेंच टाइगर रिजर्व का रास्ता भी निकलता है तथा यह स्थल एक टूरिस्ट सर्किट के रुप में विकसित हो सकता है और इससे यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ जायेंगे।