भोपाल: वर्ष 1985 में गठित हुआ भोपाल गैस त्रासदी एवं राहत तथा पुनर्वास विभाग के अंतर्गत अब डायरेक्टोरेट क्लेम्स खत्म कर दिया गया है। ऐसा नये बिजनेस रुल्स में संशोधन के जरिये किया गया है। अब इस विभाग में संचालनालय गैस राहत एवं पुनर्वास रहेगा। इसके अलावा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 218 तथा विशेष/अन्य कानूनों के अंतर्गत लोक सेवकों के विरुध्द अभियोजन की स्वीकृति के मामले तथा भोपाल गैस त्रासदी एवं राहत तथा पुनर्वास विभाग संविदा सेवा नियुक्ति तथा सेवा शर्तें नियम 2003 शामिल किया गया है।
साथ ही अब संचालनालय गैस राहत एवं पुनर्वास के अंतर्गत कन्टीजेंसी सेवायें हटा दी गई हैं और सिर्फ प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की सेवायें शामिल की गई हैं। उल्लेखनीय है कि 40 साल पहले वर्ष 1984 में 2 एवं 3 दिसम्बर की दरम्यानी रात यूनियन कार्बाइड परिसर से जहरील एमआईसी गैस की रिसन से भोपाल के हजारों व्यक्ति मारे गये थे तथा इस भयानकतम त्रासदी ने पूरे विश्व को हिला दिया था।