पाकिस्तान के जरिए ड्रग स्मगलिंग की प्लानिंग, तालिबान का दोहरा चरित्र, तस्करी का नया तरीका खोजा|


स्टोरी हाइलाइट्स

अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान फेस लिफ्टिंग में लगा है|  स्मगलिंग वाली अपनी इमेज को चेंज करने के लिए ड्रग्स विरोधी दिखने का ढोंग..

पाकिस्तान के जरिए ड्रग स्मगलिंग की प्लानिंग, तालिबान का दोहरा चरित्र, तस्करी का नया तरीका खोजा.. अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान फेस लिफ्टिंग में लगा है| स्मगलिंग वाली अपनी इमेज को चेंज करने के लिए ड्रग्स विरोधी दिखने का ढोंग किया जा रहा है तो पाकिस्तान की मदद से तस्करी की नई बिसात बिछाई जा रही है| ड्रग्स ट्रेड से 200 करोड़ रुपए कमाने वाला तालिबान सत्ता में आने के बाद अपना कारोबार फैलाना चाहता है और इसमें मदद देगा पाकिस्तान| पाकिस्तान की मदद से तालिबान तुर्की के रास्ते दुनियाभर में ड्रग्स की सप्लाई की प्लानिंग कर रहा है पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई से उसे पूरी मदद मिल रही है| तालिबान कुख्यात ड्रग तस्कर हाजी बशीर नूरजैई को रिहा कराना चाहता है ताकि वह उसके जरिए मिडलईस्ट और अफ्रीका में ड्रग तस्करी के अपने मंसूबे में कामयाब हो सके| ये भी पढ़ें.. फ्रांस ने Google पर 500 मिलियन यूरो का लगाया जुर्माना, जानिए पूरी ख़बर.. बशीर की रिहाई के लिए तालिबान अमेरिका से सौदा करने की प्लानिंग कर चुका है तालिबान की कोशिश ग्लोबल स्मगलर बनने की है अफगान मूल के वरिष्ठ आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञ अजमल सोहेल ने कहा, “तालिबान के लिए मादक पदार्थों की तस्करी धन उगाही का मुख्य आधार बनी हुई है और तालिबान अपनी पुरानी रणनीति पर वापस आ गया है। अफगानिस्तान रिपब्लिक साल्वेशन फ्रंट के संस्थापक सोहेल ने कहा कि तालिबान ने यूरोप, उत्तरी और दक्षिण अमेरिका के देशों में ड्रग्स के एवज में हीरों और सफेद चैनलों के माध्यम से पेमेंट लेना शुरू कर दिया है। [embed]https://youtu.be/PuUlVOa-HzE[/embed] अफगानिस्तान में तालिबानी शासन कायम करने में पाकिस्तान का बड़ा हाथ रहा है, तालिबान में उप प्रधानमंत्री घोषित किए गए मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के पास से पाकिस्तानी पासपोर्ट और नेशनल आईडेंटिटी कार्ड मिलने से ये साबित हो चुका है| ये भी पढ़ें.. भारत से पहली बार ‘किंग चिली’ की गई लंदन को निर्यात, प्रधानमंत्री ने लिखा, यह अच्छी खबर..  सोहेल ने मुल्ला बरादर के लापता होने की खबरों पर कहा कि वह संभवतः कंधार में है, हक्कानी गुट से टकराव के बाद तालिबान के गुटों में संघर्ष और बढ़ने की आशंका है| पाकिस्तान और अफगानिस्तान की 2650 किलोमीटर लंबी सीमा विवाद को लेकर भी तालिबान नाराज है अफगानिस्तान की पूर्व सरकार की तरह वह भी सीमा मामले पर पाकिस्तान की ओर से तुरंत कार्यवाही चाहता है और कांटेदार बागड़ हटाना चाहता है|