मशहूर कवि, गज़लकार और लेखक दिनेश मालवीय “अश्क” को मिला इस साल का प्रतिष्ठित शब्द शिल्पी सम्मान


स्टोरी हाइलाइट्स

The poet, ghazalkar and author Dinesh Malaviya "Ashk", who has emphatically expressed various aspects of society and life with his philosophical writings

मशहूर कवि, गज़लकार और लेखक दिनेश मालवीय “अश्क” को इस साल का प्रतिष्ठित शब्द शिल्पी सम्मान 
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अपनी दार्शनिक लेखनी से समाज और जीवन के विभिन्न पक्षों को सशक्त रूप से अभिव्यक्त करने वाले कवि, गज़लकार और लेखक दिनेश मालवीय “अश्क” को इस साल का प्रतिष्ठित 'शब्द शिल्पी सम्मान' प्रदान किया गया है| कला संस्कारों की सृजक आत्मजीवी अशासकीय सांस्कृतिक संस्था अभिनव कला परिषद भोपाल ने उन्हें ये सम्मान दिया। कला और संस्कृति को प्रोत्साहन के लिए 58 वर्ष से कार्यरत अग्रणी संस्था 'अभिनव कला परिषद' का प्रतिष्ठित 'शब्द शिल्पी अलंकरण' प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। साहित्यिक विभूतियों  कैलाश चन्द्र पंत और टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति  संतोष चौबे ने उन्हें सम्मानित किया।

नृत्य नाट्य संगीत और साहित्य की कलाओं को प्रोत्साहित करने वाली अभिनव कला परिषद द्वारा विगत 58 वर्षों अपने स्थापना दिवस पर प्रतिवर्ष "गुरु वंदना महोत्व" का आयोजन कर साहित्यकारों का उनकी दीर्घकालीन साहित्यिक सेवाओं प्रति लोक श्रद्धा की अभिव्यक्ति के रूप मे उनका सार्वजनिक अभिनंदन किया जाता है|
Image may contain: 1 person अभिनव कला परिषद ने अपनी 58वीं सालगिरह के अवसर पर मानस भवन, भोपाल में आयोजित  समारोह मे दिनेश मालवीय “अश्क” को वर्ष 2021 का 'शब्द शिल्पी' अलंकरण से विभूषित किया। Image may contain: 2 people, text that says "R 12. 12.11.2019 11" 10 मई 1956 को भोपाल में जन्मे दिनेश मालवीय "अश्क" किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| एम्.ए. (हिंदी साहित्य) से करने के बाद वह जनसंपर्क विभाग मे शासकीय सेवा सज जुड़े| शासकीय सेवा में रहते हुए भी मालवीय जी का लेखन सतत जारी रहा| उनकी अध्यात्म में गहरी रुचि है| वह सिद्ध योग परंपरा से जुड़े हुए हैं| Image may contain: Dinesh Malviya, smiling, glasses and outdoor  
श्री मालवीय की अब तक छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं| वे हिंदी और अंग्रेजी की कई बेस्ट सेलिंग बुक्स का अनुवाद भी कर चुके हैं| उनकी पुस्तकें प्रकाशित- “मेरा मानस”, “हुड़कचुल्लू संवाद”, “कहीं न पहुँचा” “गणित के पार”, "अधूरी ग़ज़ल" और "दीवानों की बस्ती मे"।श्री मालवीय ने अब तक 25 से ज्यादा किताबों का अनुवाद किया है| इनमे से 4 का हिंदी से अंग्रेजी और शेष का अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद. सरदार भगत सिंह की जैल डायरी का अनुवाद भी उन्होंने किया है|

दिनेश जी वर्तमान में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। वह अपने ब्लॉग पेज pragyanirjhar और website newspuran.com में नियमित लेखन कर रहे है शासकीय सेवा में रहते हुए भी श्री दिनेश मालवीय ने मध्यप्रदेश शासन को अपनी लेखन प्रतिभा से लाभान्वित किया| मुख्यमंत्री एवं 20 से अधिक मंत्रियों के साथ उन्होंने जनसंपर्क अधिकारी के रूप में कार्य किया|
Image may contain: Dinesh Malviya, sitting and beard दिनेश मालवीय को भोपाल की सबसे पुरानी साहित्यिक संस्था “कला मंदिर” द्वारा “पवैया साहित्यत्य कृति सम्मान”, मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा " वल्लभदास शाह अनुवाद पुरस्कार शीर्षक साहित्य परिषद द्वारा " श्रीकृष्ण सरल सम्मान" से विभूषित किया जा चुका है। केंद्रीय साहित्य अकादमी द्वारा “ओरल एपिक्स ऑफ़ कालाहांडी” पुस्तक के उत्तम अनुवाद के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया है।