किसान उत्पादक संगठनों को मिलेंगे मंडी व्यापारी लायसेंस


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स्टोरी हाइलाइट्स

भारत सरकार के प्रोजेक्ट अंतर्गत किसान उत्पादक संगठन बनाने एवं प्रोत्साहन की कार्यवाही राज्य शासन द्वारा की जा रही है। इसलिये इन संगठनों/कम्पनियों को मंडी व्यापारी लायसेंस जारी किये जायें..!!

भोपाल: राज्य के किसान उत्पादक संगठनों/कम्पनियों को अब मंडी व्यापारी के लायसेंस दिये जायेंगे। इसके निर्देश एमपी मंडी बोर्ड ने सभी आंचलिक कार्यालयों के संयुक्त संचालकों को भेजे हैं। निर्देश में कहा गया है कि भारत सरकार के प्रोजेक्ट अंतर्गत किसान उत्पादक संगठन बनाने एवं प्रोत्साहन की कार्यवाही राज्य शासन द्वारा की जा रही है। इसलिये इन संगठनों/कम्पनियों को मंडी व्यापारी लायसेंस जारी किये जायें। 

इसके लिये प्राप्त लायसेंस आवेदनों का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित निराकरण किया जाये और इसकी नियमित समीक्षा की जाये। कृषि उपज मंडी क्षेत्रों में कार्यरत ऐसे संगठन/कंपनियां जिनके द्वारा मंडी व्यापारी लायसेंस हेतु आवेदन प्रस्तुत नहीं किये गये हैं, से सम्पर्क किया जाये और उन्हें आवेदन करने की सूचना दी जाये। किसान उत्पादक संगठन/कंमनी की जानकारी प्राप्त करने हेतु कृषि विभाग के संभागीय/जिला स्तरीय कार्यालयों से सम्पर्क किया जाये।

क्या होते हैं किसान उत्पादक संगठन :

किसान उत्पादक संगठन और किसान उत्पादक कंपनी कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए संगठन हैं जिनमें किसान उत्पादक संगठन किसानों द्वारा गठित सामूहिक संस्थाएं हैं। इनका मकसद किसानों की सौदेबाज़ी की शक्ति बढ़ाना, उत्पादन लागत कम करना, और उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना होता है। 

संगठन कृषि गतिविधियों और बाजार तक पहुंच को सुव्यवस्थित करने के लिए संसाधनों, ज्ञान, और प्रयासों को एकत्रित करते हैं। जबकि किसान उत्पादक कंपनी सहकारी समितियों और निजी सीमित कंपनियों के बीच का मिश्रण है। इसका गठन 10 या उससे ज़्यादा प्राथमिक उत्पादकों या दो या उससे ज़्यादा उत्पादक संस्थाओं के योगदान से किया जा सकता है।

कंपनी में हर उत्पादक या सदस्य के पास शेयरों की संख्या के बावजूद समान मतदान अधिकार होते हैं।  इसका मकसद, बेहतर आय सुनिश्चित करना है। छोटे किसानों के पास व्यक्तिगत रूप से मात्रा (इनपुट और उत्पादन दोनों) नहीं होती, जिससे उन्हें अर्थव्यवस्थाओं का लाभ नहीं मिल पाता।