AI से अब होगी खेती! महाराष्ट्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सब्जियों का होगा उत्पादन


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स्टोरी हाइलाइट्स

प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में खेती को फिर से परिभाषित किया है और तकनीकी प्रगति ने कृषि उद्योग को कई तरीकों से प्रभावित किया है..!!

Artificial Intelligence in Agriculture: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा इस समय हर जगह हो रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग हर क्षेत्र में किया जा रहा है। इस संदर्भ में, AI का उपयोग कृषि क्षेत्र में भी किया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के बारामती जिले में एआई तकनीक से फसलें उगाई गई हैं। बारामती में खेती का यह पहला प्रयोग सफल भी रहा है.

एआई द्वारा उगाई गई सब्जियां

बारामती जिले में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए गन्ने के साथ-साथ भिंडी, टमाटर, मिर्च, तरबूज, कद्दू, पत्तागोभी जैसी सब्जियां उगाई गई हैं. इसमें हर सब्जी की योजना और फसल प्रबंधन भी एआई द्वारा ही किया जा रहा है।

कृषि में AI कैसे काम करता है?

इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ ने बताया कि एआई का प्रयोग पहली बार विभिन्न फसलों में किया गया है. इसमें कई तरह के सेंसर लगे होते हैं, जो फसल के बारे में जानने में मदद करते हैं। इसमें मिट्टी की नाइट्रोजन, फास्फोरस, हवा का तापमान और हवा की गति से लेकर हवा की नमी को मापने की प्रणाली के साथ-साथ वायुजनित रोगों की सूक्ष्म निगरानी के लिए सेंसर भी हैं।

यह तकनीक कैसे काम करती है?

प्रौद्योगिकी में एक सेंसर प्रणाली है जो पानी, मिट्टी की लवणता और मिट्टी की विद्युत चालकता को मापती है जो फसलों को प्रभावित करती है। यह सिस्टम हर आधे घंटे में जमीन पर, जमीन के बाहर और हवा में होने वाली सभी घटनाओं की जानकारी सेंसर के जरिए सैटेलाइट को और सैटेलाइट के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर वाले कंप्यूटर को भेजता है। 

इनमें एआई प्रणाली किसान को पर्याप्त जानकारी प्रदान करती है। इस जानकारी की मदद से किसान को मिट्टी में कितना पानी डालना है, कितना उर्वरक डालना है, किस प्रकार का उर्वरक डालना है आदि की जानकारी मिलती है।

कृषि क्षेत्र में एआई का प्रयोग सफल रहा-

AI का प्रयोग सबसे पहले कृषि क्षेत्र में किया गया था। यह प्रयोग सफल भी रहा है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने भी कृषि में एआई के उपयोग का बीड़ा उठाया है और बारामती में कृषि विकास ट्रस्ट से लेकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के बीच प्रयोग चल रहे हैं।