6 जनवरी एफआईआर दर्ज, 7 को एपीसीसीएफ मीना एक और शाखा का प्रभार, महकमे के ही शीर्ष अफसर हतप्रभ


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स्टोरी हाइलाइट्स

विभाग में एपीसीसीएफ स्तर के अधिकारियों के कमी के चलते प्रभार दिया जा रहा है..!!

भोपाल: जंगल महकमे के इतिहास में यह पहला प्रकरण है कि महिला प्रताड़ना को लेकर जिस एपीसीसीएफ मोहन मीणा के विरुद्ध उसी अफसर को अगले दिन 7 जनवरी को अनुसंधान विस्तार एवं लोकवानिकी शाखा का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। मौजूदा तौर पर मीणा नीति विश्लेषण मूल्यांकन शाखा में पदस्थ है। पीसीसीएफ प्रशासन एक विवेक जैन के आदेश पर महकमे के अधिकारी हतप्रभ हैं।

विभाग में एपीसीसीएफ स्तर के अधिकारियों के कमी के चलते प्रभार दिया जा रहा है। ऐसे में एपीसीसीएफ मीणा को भी नीति विश्लेषण मूल्यांकन शाखा के अलावा अनुसंधान विस्तार एवं लोकवानिकी शाखा का अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश पीसीसीएफ विवेक जैन ने जारी कर दिया है। पीसीसीएफ जैन के आदेश जारी करने की टाइमिंग पर सवाल उठ रहे हैं। आखिरकार फिर दर्ज होने के पहले तक मीणा को प्रभार क्यों नहीं दिया गया? तब भी कैंपा सहित अन्य शाखाओं के  प्रभार अन्य एपीसीसीएफ को प्रभार दिए गए थे। पीसीसीएफ जैन के आदेश पर विभाग के शीर्ष अधिकारियों से बातचीत की। बातचीत के दौरान नाम न छापने की शर्त पर अपने - अपने कमैंट्स दिए। 

किसी ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने पर उनके हौसले को बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त प्रभार दिया गया। अन्यथा लंबे समय से विभाग में मीणा की उपेक्षा की जा रही थी। उन्हें पहले भी दिया जा सकता था। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि समझ से परे है। एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस प्रशासन को चुनौती है और महिलाओं के प्रति उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है। 

एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकती है। इस कहावत के पीछे उनकी धारणा है कि पीसीसीएफ पी धीमान और एपीसीसीएफ मोहन मीणा के बीच 36 का आंकड़ा है। काम करने में उनमें टकराहट की खबरें सुनाई देने लगेंगे। एक अफसर ने व्यंग्य कसते हुए कहा कि योग्यता के आधार पर प्रभार दिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि 6 जनवरी को बैतूल के गंज पुलिस स्टेशन में कार्यस्थल पर महिला प्रताड़ना को लेकर एपीसीसीएफ मीणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एफआईआर दर्ज करने से पहले जिला न्यायालय के प्रथम व्यवहार न्यायधीश के समक्ष पीड़ता ने 164 में बयान दर्ज कराए। यह मामला 2021 का है। तब एपीसीसीएफ मोहन मीणा बैतूल वन वृत में पदेन सीसीएफ के रूप में पदस्थ थे।