भोपाल: राज्य के विमानन संचालनालय में संविदा पर नियुक्त फ्लाईट डिस्पेचर केप्टन शैलेन्द्र पाल को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। पाल की रिट पिटिशन क्रमांक 7339 में जस्टिस विशाल मिश्रा ने निर्णय दिया है कि फ्लाईट डिस्पेचर के पद पर नियमित या प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना की जा सकती है लेकिन अन्य की इसी पद पर संविदा पर नियुक्ति नहीं की जा सकती है।
दरअसल विमानन विभाग ने पाल की संविदा अवधि बढ़ाने से इंकार कर दिया था क्योंंकि उसके खिलाफ 18 शिकायतें मिली थीं जिनमें वीवीआईपी फ्लाईट यानि राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री की फ्लाईट के दौरान बिना अवकाश स्वीकृति के अनुपस्थिति एवं अपने पद के विषय के संबंध में अज्ञानता, साथियों के साथ दुर्व्यवहार, महिलाओं से अभद्रता व शासकीय दस्तावेजों के फोटो खींचने व छेड़छाड़ आदि संबंधी शिकायतें थीं। इन्हें कई नोटिस भी जारी हुये थे तथा शपथ-पत्र में उन्होंने स्वयं में सुधार करने का आश्वासन भी दिया था।