पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने उठाई मांग, निजी वाहनों में हॉर्न के दुरुपयोग पर हो सख्त कार्रवाई


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स्टोरी हाइलाइट्स

पूर्व सीएम ने एक पत्र लिखकर राज्य में व्यापक अभियान चलाकर नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के चालान जारी किए जाने की मांग की है..!!

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्य में निजी वाहनों में हूटर के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा है, प्राप्त जानकारी के अनुसार दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के विरूद्ध निजी वाहनों में हूटर का दुरूपयोग करने के मामले लगातार बढते जा रहे है। 

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सत्ताधारी दल के नेता बिना पात्रता के वाहनों पर हूटर लगाकर कानून का उल्लघंन कर रहे है। ऐसे आसामाजिक तत्वों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किये जाने की कार्यवाही की जानी चाहिए। पुलिस द्वारा सख्ती से कार्यवाही नहीं किये जाने से छुटभैया नेता आमजन पर रोब जमा रहे हैं। 

आपको विदित होगा कि मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के तहत पुलिस की गाड़ियों सहित फायर बिग्रेड और एम्बुलेंस के ही हूटर का इस्तेमाल किये जाने का नियम है। इन वाहनों के अतिरिक्त अन्य किसी भी वाहन का हूटर लगाना प्रतिबंधित है। अगर कोई व्यक्ति बिना पात्रता के वाहनों पर हूटर लगाता है तो ऐसे वाहनों के खिलाफ चालान बनाया जाकर, वाहन जब्त किये जाने चाहिए। 

केन्द्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर व्ही.आई.पी. व्यक्तियों की गाड़ियों को भी हूटर, सायरन लगाने की अनुमति नही दी है। सरकार के निर्णय के बाद सभी व्ही.आई.पी. गाड़ियों से हूटर उतार लिये गये थे। कुछ जिलों में पुलिस ने सख्त चेकिंग करते हुए नियम विरूद्ध हूटर लगाने वाली गाड़ियों से हूटर निकलवाकर जुर्माना लगाया था। 

पिछले कुछ समय से प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित अन्य शहरों में हूटर लगी गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आपराधिक तत्व तक गाड़ियों में हूटर लगाकर विशिष्ट श्रेणी में दिखाने का आतंक फैला रहे है। पुलिस बल भी स्थानीय नेताओं के दबाव में सख्त कार्यवाही करने से पीछे हट जाते है। 

हूटर लगाकर घूमने वाले लोग अपनी गाड़ियों पर अनेक संगठनों के पदनाम भी लिखवा लेते है। विधायक, सासंद से लेकर जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सहकारी संगठन, सासंद एवं विधायक प्रतिनिधि, सरपंच प्रतिनिधि तक गाड़ियों पर नंबर प्लेट की जगह पदनाम की बढ़ी-बढ़ी पटिट्का लगाकर पुलिस बल को चुनौती देते प्रतीत हो रहेे है। ऐसे तत्वों की अराजकता के चलते कई बार टैªफिक जाम तक की स्थिति बनती है।

पूर्व सीएम ने लिखा है, कि मेरा आपसे अनुरोध है कि प्रदेश में एक व्यापक अभियान चलाकर हूटर लगी गाड़ियों के चालान बनाये जाएं। प्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराना पुलिस का कर्तव्य है। पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं करने पर मैं व्यक्तिगत तौर पर म.प्र. हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर प्रदेश में नासूर बन रही हूटर संस्कृति का मुद्धा उठाऊंगा। मुझे उम्मीद है कि बिना किसी राजनैतिक दबाव में आये पुलिस, प्रदेश को हूटरों के चलन से मुक्ति दिलायेगी।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत सिर्फ पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस जैसे वाहनों को ही हूटर लगाने की अनुमति है। इन वाहनों के अलावा किसी भी निजी वाहन पर हूटर लगाना प्रतिबंधित है।

गौरतलब है कि 1 मई 2017 को केंद्र सरकार ने लाल वीआईपी कल्चर यानी वाहनों पर लाल बत्ती के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। निर्देश में कहा गया है कि अब कोई भी नेता, मंत्री, सांसद, विधायक या अधिकारी अपने वाहन में लाल बत्ती का प्रयोग नहीं करेंगे। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद वीआईपी वाहनों से लाल बत्ती हटा दी गई, लेकिन अब इसकी जगह हूटर और सायरन देखे जा सकते हैं।