पूर्व RTO कांस्टेबल सौरभ शर्मा की जान को खतरा, सरकार से लगाई सुरक्षा की गुहार


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स्टोरी हाइलाइट्स

सौरभ और अन्य आरोपियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, जबकि असली मास्टरमाइंड बड़े अधिकारी और राजनेता हैं, वकील ने सरकार से सौरभ शर्मा और अन्य आरोपियों के लिए की सुरक्षा की मांग..!!

आरटीओ विभाग से जुड़े भ्रष्टाचार के बड़े मामले में फंसे पूर्व आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा की जान को खतरा बताया जा रहा है। सौरभ शर्मा के सहयोगी शरद जायसवाल के वकील सूर्यकांत भुजड़े ने कहा कि सरकार को सौरभ शर्मा और अन्य आरोपियों को सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए।

वकील सूर्यकांत भुजड़े ने बताया कि उनके मुवक्किल का नाम शरद जायसवाल है। उनकी अग्रिम जमानत याचिका अदालत में दायर की गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया। सूर्यकांत ने कहा कि अभी तक उनकी सौरभ शर्मा से बात नहीं हुई है। यह बहुत बड़ा मामला है और चाहे सौरभ हो, शरद हो या अन्य आरोपी, वे सभी बहुत छोटे लोग हैं।

वकील ने कहा कि जांच एजेंसियों ने ऐसा माहौल बना दिया है जैसे ये लोग सबसे बड़े मास्टरमाइंड हैं। सूर्यकांत ने कहा कि यह सब बड़े लोगों का काम है, जो उन्होंने इन छोटे लोगों पर डाल दिया है। इसलिए, उनकी जान खतरे में है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।

शरद के वकील ने कहा कि जांच से पता चलना चाहिए कि मुख्य आरोपी कौन हैं। यह खुलासा होना चाहिए कि ये नौकरशाह या राजनेता कौन हैं। जब हमने शरद जायसवाल के लिए जमानत की अर्जी लगाई तो हमने कोर्ट से कहा कि ये लोग जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, इसलिए इन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए और जमानत दी जाए, लेकिन जमानत नहीं दी गई।

शरद के वकील ने कहा कि सौरभ को कांस्टेबल बने हुए सिर्फ 7 साल हुए हैं, जबकि एजेंसियों को जो अकूत संपत्ति मिली है, उसे 7 साल में अर्जित करना असंभव है। यह एक बड़ा सिंडिकेट है, जिसमें पुराने नौकरशाह और राजनेता शामिल हैं, इसकी जांच होनी चाहिए। 

आपको बता दें कि इससे पहले सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने भी भोपाल जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। उस समय अधिवक्ता राकेश पाराशर ने भी सौरभ के एनकाउंटर की आशंका जताई थी। हालाँकि, तब भी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

आपको बता दें, कि लोकायुक्त पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के पास से करोड़ों की संपत्ति बरामद हुई है। इसमें भोपाल में खड़ी एक कार में 52 किलो सोना और 234 किलो चांदी भी मिली। लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना (एसपीई) ने पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के कई परिसरों से संपत्ति जब्त की। भ्रष्टाचार निरोधक लोकायुक्त पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने 18 व 19 दिसंबर 2024 को सौरभ शर्मा के आवास व कार्यालय का निरीक्षण किया था।

लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे और वर्ष 2015 में उनकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद सौरभ शर्मा को 2015 में अनुकंपा के आधार पर राज्य परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति मिली और उन्होंने 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। सौरभ शर्मा ने भ्रष्ट तरीकों से संपत्ति अर्जित की, जिसमें अपनी मां, पत्नी, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल के नाम पर स्कूल और होटल स्थापित करना शामिल है।