कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा से ED ने मंगलवार 15 अप्रेल को छह घंटे तक पूछताछ की है और बुधवार 16 अप्रेल भी उसने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है। ED वाड्रा से हरियाणा के एक लैंड डील के बारे में पूछताछ कर रही है।
वहीं मंगलवार 15 अप्रेल का दिन कांग्रेस पार्टी और खासकर गांधी परिवार के लिए मुसीबतों का अंबार लेकर आया। सुबह खबर आई कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ED के दफ्तर पहुंचे हैं और शाम को खबर आई कि सोनिया गांधी का नाम ED की चार्जशीट में है। ED ने सास-दामाद दोनों को अरबों रुपये की संपत्ति की हेराफेरी के मामले में आरोपी बनाया गया है।
ED हरियाणा के शिकोहाबाद में जमीन घोटाले के सिलसिले में रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ कर रही है, वहीं एजेंसी ने नेशनल हेराल्ड मामले में अपने आरोपपत्र में सोनिया गांधी का नाम भी शामिल किया है। ED की चार्जशीट पर 25 अप्रैल को अदालत में सुनवाई होगी।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर मामले की जांच करते हुए ED ने 9 अप्रैल को अदालत में अपना आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें सोनिया गांधी के साथ-साथ उनके बेटे राहुल गांधी का नाम भी शामिल है। राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और वर्तमान में लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं। ED की चार्जशीट में सोनिया और राहुल के अलावा ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया गया है।
कांग्रेस पार्टी ने गांधी परिवार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने को 'राज्य प्रायोजित अपराध' बताया है। कांग्रेस महासचिव और राहुल गांधी के करीबी जयराम रमेश ने एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और गृहमंत्री अमित शाह का जिक्र करते हुए कहा था कि ये दोनों सोनिया और राहुल को डराना चाहते हैं।
जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, कि ' नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा पहने हुए राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा बदले की राजनीति और धमकी के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं रहेगा। सत्यमेव जयते।
हालांकि, विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने मंगलवार, 15 अप्रैल को नेशनल हेराल्ड से संबंधित कथित धन शोधन मामले में दायर आरोपपत्र की समीक्षा की। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि इस संबंध में सुनवाई 25 अप्रैल को होगी। उसके बाद ED के विशेष वकील और जांच अधिकारी को केस डायरी के साथ अदालत में पेश होना होगा। ईडी सूत्रों के अनुसार, यह आरोपपत्र धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 44 और 45 के तहत दायर किया गया है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एक आपराधिक साजिश के तहत सोनिया गांधी, राहुल गांधी, स्वर्गीय मोतीलाल वोरा, स्वर्गीय ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी 'यंग इंडियन' ने धोखाधड़ी से एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अपने नाम पर स्थानांतरित कर ली।
ED संपत्तियों को अपने कब्जे में ले रही है। पिछले सप्ताह ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति रजिस्ट्रारों को कथित धन शोधन से जुड़ी संपत्तियों पर कब्जा लेने के लिए नोटिस भेजे थे। ये संपत्तियां बांद्रा (पूर्व), मुंबई, बहादुर शाह जफर मार्ग, दिल्ली और बिशेश्वर नाथ रोड, लखनऊ में स्थित हैं। केंद्रीय एजेंसी ने जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को भी नोटिस भेजकर बांद्रा (पूर्व) स्थित इमारत की 7वीं, 8वीं और 9वीं मंजिल का किराया चुकाने को कहा है। ED का कहना है कि इन संपत्तियों की जांच से पता चला है कि लगभग 988 करोड़ रुपये की अवैध आपराधिक आय विभिन्न माध्यमों से अर्जित, जब्त और उपयोग की गई।
गांधी परिवार के खिलाफ ED के आरोप हैं, कि अवैध आय को संरक्षित करने और अभियुक्तों द्वारा संपत्तियों की बिक्री को रोकने” के लिए, दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियां (कुल मूल्य ₹661 करोड़) और एजेएल के शेयर (मूल्य ₹90.2 करोड़) 20 नवंबर, 2023 को अनंतिम रूप से कुर्क किए गए थे। 10 अप्रैल, 2024 को इस जब्ती को न्यायाधिकरण द्वारा भी मंजूरी दी गई थी।
हालाँकि, सोनिया-राहुल सहित अन्य आरोपियों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी ने भी इन आरोपों का बार-बार खंडन किया है।