शराब बनाने वाली आसवनियों को तोहफा : अब अलग से भी बना सकेंगे विशेष मदिरा


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

ये आसवनियां अपने यहां विशेष मदिरा का भी अलग से निर्माण कर सकेंगी। इसके लिये आबकारी विभाग ने नये मप्र विशेष मदिरा नियम जारी कर इन्हें लागू किया है..!!

भोपाल: राज्य सरकार ने प्रदेश की शराब यानि स्प्रिट बनाने वाली आसवनियों को जीआईएस के पहले नया तोहफा दिया है। अब ये आसवनियां अपने यहां विशेष मदिरा का भी अलग से निर्माण कर सकेंगी। इसके लिये आबकारी विभाग ने नये मप्र विशेष मदिरा नियम जारी कर इन्हें लागू किया है।

उक्त नियम के तहत डी वन लायसेंस धारी आसवनियां जिनकी प्रदेश में संख्या करीब 11 है, को विशेष मदिरा बनाने का लायसेंस दिया जायेगा जिसके तहत वे बुके स्पिरिट, केन जूस स्पिरिट, शेरी, ग्रेप स्पिरिट, माल्ट स्पिरिट एवं कन्सट्रटेड एल्कोहोलिक बू्र बना सकेंगी और इसका आयात एवं निर्यात व पविहन भी कर सकेंगी। इससे इन आवसनियों को अतिरिक्त आय हो सकेगी। 

उल्लेखनीय है कि केन जूस स्पिरिट गन्ने के रस से बनी होती है जबकि शेरी, स्पेन की एक फोर्टिफाइड वाइन है। ग्रेप स्पिरिट अंगूर से बनती है। माल्ट स्पिरिट जौ या राई से बनाई जाती है।

इन नियमों के तहत आवसनियों को न्यूनतम एक हजार बल्क लीटर का उत्पादन करना होगा तथा वह इसे अन्यत्र विक्रय भी कर सकेंगी। विशेष मदिरा बनाने हेतु लायसेंस के आवेदन के लिये 10 हजार रुपये फीस देनी होगी जबकि लायसेंस फीस 2 लाख रुपये प्रति वर्ष होगी। 

विशेष मदिरा के आयात हेतु 8 रुपये प्रति बल्क लीटर फीस देनी होगी और निर्यात हेतु पचास पैसा प्रति बल्क लीटी शुल्क देना होगा। विशेष मदिरा के परिवहन की फीस साढ़े तीन रुपये प्रति बल्क लीटर होगी। विशेष मदिरा के उक्त नियमों के उल्लंघन पर आबकारी आयुक्त 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकेंगे।

माइक्रो ब्रेवरी लगा सकेंगे :

राज्य सरकार ने मप्र बियर एवं तथा मद्य नियम 2002 में भी बदलाव किया है जिसके तहत एफएल 2  यानि रेस्टोरेंट बार लायसेंस, एफएल 3 यानि होटल-रिसोर्ट बार लायसेंस, एफएल 4 यानि सिविलियन क्लब लायसेंस तथा फूड लायसेंस प्राप्त रेस्तरा/होटल जिनके पास 2 हजार वर्गफीट का अतिरिक्त स्थान है, में न्यूनतम 50 लाख रुपये की माइक्रो ब्रेवरी लगा सकेंगे। 

इसके अलावा, मप्र विदेशी मदिरा नियम 1996 में बदलाव कर नया प्रावधान किया गया है कि नये वित्त वर्ष से शराब की दुकारनों से हेरीटेज मदिरा एवं वाईन भी विक्रय होगी जिसका लायसेंस मात्र दस हजार रुपये वार्षिक दर पर लायसेंस दिया जायेगा। 

बारों में भी हेरीटेज मदिरा बेचने की अनुमति होगी। होम बार लायसेंस में भी हेरीटेज मदिरा परोसने का प्रावधान किया गया है परन्तु यह होम बार लायसेंस, आवेदक की गत वर्ष आयकर विवरणी के अनुसार न्यूनतम 35 लाख रुपये होने पर दिया जायेगा तथा इसकी वार्षिक लायसेंस फीस 75 हजार रुपये होगी।