GIS 2025: देशी-विदेशी मेहमानों को मिलेगा यादगार तोहफा, मोहक मुस्कान वाली इंडियन मोनालिसा की प्रतिमा 


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स्टोरी हाइलाइट्स

GIS 2025 Indian Mona Lisa: प्रतिमा 10वीं सदी में विदिशा के पास ग्यारसपुर से मिली थी, 70 मेहमानों को की जाएगी भेंट, 15 सदस्यीय टीम 70 प्रतिकृतियों का निर्माण करने में जुटी..!!

GIS 2025 Indian Mona Lisa: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने वाले देश-विदेश के मेहमानों को एक यादगार और खास उपहार भी दिया जाएगा। उन्हें आकर्षक मुस्कान वाली मोनालिसा की प्रतिकृति दी जाएगी। देशभर में भारतीय मोनालिसा के नाम से प्रसिद्ध शाल भंजिका अनमोल है। यह मूर्ति 10वीं शताब्दी में विदिशा के पास ग्यारसपुर में मिली थी।

प्रधानमंत्री मोदी भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने वाले 70 प्रमुख स्थानीय और विदेशी मेहमानों को भारतीय मोनालिसा के नाम से प्रसिद्ध शाल-भंजिका की पत्थर की प्रतिकृति उपहार में देंगे। जिनकी सौम्य मुस्कान सभी अतिथियों के दिलों में समिट की छवि हमेशा के लिए अंकित कर देगी। राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता अंतरराष्ट्रीय मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा की 15 सदस्यीय टीम 70 प्रतिकृतियां बनाने में व्यस्त है। इसे ग्वालियर के क्षेत्रीय कला एवं शिल्प डिजाइन केंद्र में ग्वालियर माउंट स्टोन से बनाया जा रहा है।

सलभंजिका की मूर्ति स्त्री की शारीरिक सुन्दरता और मुस्कान का आदर्श उदाहरण है। 10वीं शताब्दी की यह पत्थर की मूर्ति विदिशा के पास ग्यारसपुर गांव में खुदाई के दौरान मिली थी। मूर्ति में महिला के चेहरे पर स्पष्ट मुस्कान है। इस अनोखी मुस्कान के कारण उन्हें भारतीय मोनालिसा कहा जाता है। खंडित मूर्ति ग्वालियर के गूजरी महल संग्रहालय में संरक्षित है। इस प्रतिमा में महिला ऐसे अधोवस्त्र पहने हुए नजर आ रही है जो आज के आधुनिक समाज में भी पहना जाना असंभव सा लगता है। इन्हें वृक्ष देवी भी कहा जाता है।